चंडीगढ़। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी मौजूदा आंदोलन का नेतृत्व करने वाले किसान नेताओं पर बरसते हुए हरियाणा के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने सोमवार को कहा कि यह आंदोलन अब पूरी तरह राजनीतिक है और किसानों के कल्याण से इसका कोई लेना-देना नहीं है।
वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'जनसेवा के दो दशक' पूरा होने के मौके पर भाजपा की ओर से 20 दिन के 'सेवा एवं समर्पण अभियान की जानकारी देने के लिए संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने इस अभियान की विस्तृत जानकारी दी। अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर 17 सितंबर से होगी। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि किसानों का आंदोलन इसके मूल एजेंडे से बहुत आगे जा चुका है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद कृषि कानूनों में सुधार लाना था।
धनखड़ ने कहा कि यह आंदोलन अब पूरी तरह राजनीतिक हो चुका है, किसानों के कल्याण से इसका कोई लेना-देना नहीं है। उनसे पूछा गया था कि किसानों ने कहा है कि वह प्रदेश में भाजपा नेताओं के कार्यक्रमों का विरोध करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अपने मूल एजेंडे से आगे जा चुका है। (आंदोलन में शामिल) किसान नेता पहले कहा करते थे कि वह इन कानूनों में सुधार चाहते हैं। लेकिन जब यह मामला उठा तो उन्होंने अपनी मांग का रास्ता बदल दिया और इसे वापस लेने की मांग करने लगे।
हजारों किसान दिल्ली सीमा पर तीनों कृषि कानूनों के विरोध में 9 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर किसान मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा से हैं। किसानों की मांग तीनों कानूनों को वापस लेने की है, क्योंकि उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और उन्हें बड़ी कंपनियों की दया पर निर्भर रहना होगा। हरियाणा सरकार में कृषिमंत्री रह चुके धनखड़ ने कहा कि केंद्र सरकार ने बातचीत के लिए अपने दरवाजे हमेशा खुले रखे हैं। गौरतलब है कि किसानों और सरकार के बीच 10 राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन यह बेनतीजा रही थी। भाजपा नेता ने विपक्षी कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया।(भाषा)(फ़ाइल चित्र)