उच्च सदन में राष्ट्रपति अभिभाषण पर पेश धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए सिंह ने नए कृषि कानूनों को काला कानून करार देते कहा कि इन कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 76 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं और उन्हें आतंकवादी, गद्दार व खालिस्तानी कहकर अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ नेता किसानों को अपमानित कर रहे हैं। सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन वह असफल रही है। सरकार कहती है कि वह एक फोन कॉल पर बातचीत के लिए तैयार है, ऐसे में खुद सरकार को ही फोन कर पहल करनी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार 130 करोड़ लोगों के लिए नहीं बल्कि 4 पूंजीपतियों के लिए है जिनसे चंदा लेकर वे चुनाव लड़ते हैं। उनकी पार्टी किसानों के इस आंदोलन का समर्थन करती रहेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि वे किसानों के लिए पानी और शौचालय आदि का इंतजाम कर रहे हैं लेकिन सरकार उन्हें रोक रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले में हुई घटना के लिए भाजपा के कार्यकर्ता दोषी हैं।
सिंह ने सवाल किया कि सरकार को किसानों के साथ क्या दुश्मनी है, जो उसने प्रदर्शन स्थलों पर लंबी कीलें लगा दी हैं। उन्होंने दावा किया कि सरकार के जुल्म के कारण एक किसान नेता रो पड़े। सिंह ने एक वरिष्ठ पत्रकार के खिलाफ दर्ज मुकदमे का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि सरकार पत्रकारिता को दबाने का प्रयास कर रही है।