चंडीगढ़। हरियाणा के कई हिस्सों से कई किसानों ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली की सीमाओं की ओर बढ़ने का फैसला किया है। इन किसानों का कहना है कि किसान नेताओं के खिलाफ सरकार के कदम से उनका आंदोलन कमजोर नहीं होगा। गाजियाबाद प्रशासन ने आंदोलनकारी किसानों को मध्यरात्रि तक उत्तरप्रदेश गेट खाली करने का गुरुवार को अल्टीमेटम दिया था जबकि दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं के खिलाफ 'लुकआउट' नोटिस जारी किए थे।
हरियाणा से किसान नेताओं ने दावा किया कि जींद, रोहतक, कैथल, हिसार, भिवानी और सोनीपत के कई किसान विरोध स्थलों टीकरी, सिंघू और गाजीपुर जाएंगे। दिल्ली के सीमावर्ती गाजीपुर में उत्तरप्रदेश गेट पर आंदोलन स्थल पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत गुरुवार की शाम मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि नए कृषि कानूनों को निरस्त नहीं करके सरकार द्वारा किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हम किसान नेताओं को जारी किए गए लुकआउट नोटिस की निंदा करते हैं। हम सरकार को एक विरोध स्थल खाली करने के लिए अल्टीमेटम देने की भी निंदा करते हैं। हम सरकार को चेतावनी देना चाहते हैं कि इस तरह के कदम से आंदोलन कमजोर नहीं होगा, बल्कि यह और मजबूत होगा। आंदोलन से और लोगों को जोड़ने के वास्ते ग्रामीणों और लोगों से चंदा एकत्र किया जाएगा।
करनाल में स्थानीय किसानों ने गुरुवार को बस्तारा टोल प्लाजा पर अपना धरना फिर शुरू किया था। हालांकि शुक्रवार को टोल प्लाजा के निकट भारी पुलिस बल तैनात करने की खबरें है और प्रशासन ने विरोध स्थल को फिर से खाली करा लिया है और प्लाजा पर सामान्य कामकाज शुरू हो गया है। इस बीच हरियाणा बीकेयू के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने एक वीडियो संदेश में अपने समर्थकों से दिल्ली की सीमाओं के निकट विरोध स्थलों पर पहुंचने की अपील की। उन्होंने किसानों से 30 जनवरी को हरियाणा के सभी टोल प्लाजा पर धरना देने की भी अपील की। (भाषा)