पिछले दो महीने से दिल्ली सीमा पर मोदी सरकार के नए कृषि कानून का विरोध कर रहे किसान अब गणतंत्र दिवस पर अपना बड़ा विरोध प्रदर्शन करने जा रहे है। देश के इतिहास में पहली बार हो रहा है कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में राजपथ पर निकलने वाली ऐतिहासिक परेड के साथ ही सरकार के किसी कानून के विरोध में किसानों की ट्रैक्टर परेड निकलने जा रही है। गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर परेड निकालकर सरकार का ध्यान अपनी मांगों की ओर खींचने जा रहे है।
किसान गणतंत्र ट्रैक्टर परेड को लेकर तैयारी कुछ वैसे ही चल रही है जैसे कि गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर निकलने वाली परेड और झांकी को लेकर होती है। ट्रैक्टर परेड के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बकायदा परेड की गाइडलाइन जारी की है। किसान संगठनों का दावा है कि ट्रैक्टर परेड में एक लाख से अधिक ट्रैक्टर शामिल होंगे।
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे योगेंद्र यादव कहते हैं कि किसान गणतंत्र परेड अपने आप में ऐतिहासिक होगी। वह कहते हैं कि किसानों के हाथ में तिरंगा होगा तो दूसरे हाथों में किसानों की बात होगी। किसान कृषि कानून को लेकर अपना विरोध,दुख जताएंगे।
परेड में शामिल होने वाले ट्रैक्टर और ट्राली को आकर्षक रूप से सजाने का काम जारी है। परेड में शामिल होने वाली झांकियों को अंतिम रूप देने का काम अब पूर्णत की ओर है। हर राज्य की झांकी में उस राज्य की सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ कृषि कानून के विरोध करती हुई झांकी को शामिल की गई है। किसानों की झांकी में नए कानून का विरोध करते हुए कुछ झांकियां खासतौर पर सजाई जा रही है। किसान संगठनों ने लोगों से ट्रैक्टर परेड में क झांकी में किसानों की परेड में अधिक से अधिक शामिल होने की अपील की है।
वेबदुनियासे बातचीत में सुरेंद्र पाल सिंह कहते हैं कि हमारी कोशिश होगी कि जिस तरह राजपथ पर अलग-अलग राज्यों की झांकियां निकलती हैं उसी तरह हमारी ट्रैक्टर परेड में भी देश के हर राज्य की कम से कम एक झांकी शामिल हो। झांकियों को तिरंगे से आर्कषक रूप से सजाया जा रहा है। खास बात यह है कि झांकियों के साथ उस राज्य के किसान वहां की पारंपरिक वेशभूषा में चलेंगे।