पंजाब के तरनतारन जिले के कुर्लाल सिंह ने कहा कि हमारे किसान यूनियन नेताओं ने सरकार को परेड की रूपरेखा पहले ही उपलब्ध करा दी है इसलिए हमें अनुमति नहीं देने का कोई कारण नहीं बनता। हम अब तक शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करते आ रहे हैं और हमारी रैली भी अहिंसक होगी। दिल्ली में प्रवेश करना हमारा संवैधानिक अधिकार है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच भी 9 दौर की अलग से बात हुई थी लेकिन मुद्दे को सुलझाने की यह पहल बेनतीजा रही और अब 10वें दौर की वार्ता बुधवार को प्रस्तावित है। दिल्ली की सीमा पर हजारों की संख्या में किसान करीब 2 महीने से नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। (भाषा)