उन्होंने कृषि लागत और मूल्य के लिए आयोग को स्वायत्तता प्रदान करने की भी मांग की है। हजारे ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर मैंने (केंद्र के साथ) पांच बार पत्र व्यवहार किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। हजारे ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है कि इस कारण से मैंने अपने जीवन की अंतिम भूख हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।