रांची (झारखंड)। बलात्कार की घटनाओं समेत कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर आरोपों का सामना कर रही हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार ने 1 साल का कार्यकाल पूरा किया और इसी बीच झारखंड साल 2020 में कोविड-19 वैश्विक महामारी और एक बड़े प्रवासी संकट से निपटने के लिए संघर्ष करता रहा।
राज्य पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार राज्य में बलात्कार के औसतन रोजाना 4 मामले दर्ज किए गए और इनमें अधिकतर पीड़िताएं नाबालिग थीं। 1 साल में 1,600 से अधिक लड़कियों एवं महिलाओं के बलात्कार के मामलों को लेकर विपक्षी भाजपा ने सोरेन सरकार को घेरने की कोशिश की और दावा किया कि 2019 में उसकी पार्टी के राज्य में सत्ता से बाहर होने के बाद से कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है।
झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार ने पिछले साल 29 दिसंबर को शपथ ग्रहण करने के बाद जनवरी के पहले सप्ताह में विधानसभा में बहुमत साबित किया था, लेकिन सत्ता संभालते ही 20 जनवरी को पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदड़ी गांव में पत्थलगड़ी समर्थकों ने 7 लोगों की हत्या कर दी थी।
देशभर में मार्च में लागू किए गए लॉकडाउन के 1 सप्ताह बाद झारखंड में 31 मार्च, 2020 को कोरोनावायरस संक्रमण का पहला मामला उस समय सामने आया, जब दिल्ली के निजामुद्दीन में चल रहे तबलीगी जमात के मरकज में शामिल होकर यहां आई 1 मलेशियाई महिला संक्रमित पाई गई।
इसके बाद से राज्य में 1,14,650 लोग अब तक संक्रमित हो चुके हैं जिनमें से 1,025 लोगों की मौत हो चुकी है। झारखंड में 1,604 संक्रमित लोगों का उपचार चल रहा है और 1,12,021 लोग संक्रमित होने के बाद ठीक हो गए हैं। झारखंड सरकार देश की पहली सरकार थी जिसने केंद्र सरकार से अपने प्रवासी मजदूरों को आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और मुंबई से वापस लाने के लिए विशेष ट्रेन बुक कराई थी।
राज्य सरकार ने अपने नागरिकों को मुंबई, लद्दाख तथा अंडमान-निकोबार द्वीप समूहों से वापस लाने के लिए विशेष हवाई उड़ानों की भी व्यवस्था कराई। झामुमो सुप्रीमो एवं मुख्यमंत्री के पिता शिबू सोरेन और राज्य भाजपा प्रमुख दीपक प्रकाश जून में राज्यसभा के लिए चुने गए। इस साल सत्तारूढ़ दल ने दुमका और बेरमो विधानसभा उपचुनाव भी जीते। (भाषा)