5 अगस्त को फ्रेंडशिप डे : फ्रेंडशिप पर क्या कहते हैं विद्वान
साल 2018 में फ्रेंडशिप का फेस्टिवल 5 अगस्त को आ रहा है। भारतीय कैलेंडर में यह महीना यूं भी तीज-त्योहारों से व्यस्त रहता है। लेकिन युवाओं में जिस दिन का बेसब्री से अंतजार रहता है वह है अगस्त माह के पहले रविवार को आने वाला फ्रेंडशिप डे।
क्यों मनाया जाता है फ्रेंडशिप डे
फ्रेंडशिप डे की शुरुआत 1935 में अमेरिका से हुई थी। अगस्त के पहले रविवार को अमेरिकी सरकार ने एक व्यक्ति को मार दिया था और जिसकी याद और गम में एक दोस्त ने आत्महत्या कर ली। उसी दिन से सरकार ने अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया। तब से इस दिन को हम दोस्तों के लिए मनाते आ रहे हैं।
आइए जानते हैं विद्वान विचारकों ने इस खूबसूरत रिश्ते के बारे में क्या कहा है...
* प्रकृति पशुओं तक को अपने मित्र पहचानने की समझ देती है। -कॉर्नील
* मित्रों के बिना कोई भी जीना पसंद नहीं करेगा, चाहे उसके पास बाकी सब अच्छी चीजें क्यों न हो। -अरस्तू
* जो तुम्हें बुराई से बचाता है, नेक राह पर चलाता है और जो मुसीबत के समय तुम्हारा साथ देता है, बस वही मित्र है। -तिरुवल्लुवर
* मैत्री परिस्थितियों का विचार नहीं करती, अगर यह विचार बना रहे तो समझ लो मैत्री नहीं है। -मुंशी प्रेमचंद
* दुनिया की किसी चीज का आनंद परिपूर्ण नहीं होता, जब तक कि वह किसी मित्र के साथ न लिया जाए। -लैटिन
* विवेकी मित्र ही जीवन का सबसे बड़ा वरदान है। -यूरीपिडीज
* नेक सबके प्रति रहो, मित्र सर्वोत्तम को ही बनाओ। -इसोक्रेटस
* मित्र दुःख में राहत है, कठिनाई में पथ-प्रदर्शक है, जीवन की खुशी है, जमीन का खजाना है, मनुष्य के रूप में नेक फरिश्ता है। -जोसेफ हॉल
* जो छिद्रान्वेषण किया करता है और मित्रता टूट जाने के भय से सावधानी बरतता है, वह मित्र नहीं है। -गौतम बुद्ध
* मित्रता दो तत्वों से बनी है, एक सच्चाई और दूसरा कोमलता। -एमर्सन
* मित्रता की परीक्षा विपत्ति में दी गई मदद से होती है और वह मदद बिना शर्त होनी चाहिए। -महात्मा गाँधी
* सच्ची मित्रता में उत्तम से उत्तम वैद्य की सी निपुणता और परख होती है, अच्छी से अच्छी माता का सा धैर्य और कोमलता होती है, ऐसी ही मित्रता करने का प्रयत्न प्रत्येक को करना चाहिए। -रामचंद्र शुक्ल