उत्तर : देखिए, मृतकों के परिवारजनों की मदद अच्छी बात है, पर इस खबर के साथ एक और खबर है कि मध्यप्रदेश के खंडवा तथा महू के बीच चलने वाली ट्रेन के इंजन के दो पहिए बेपटरी हो गए। ढलान होने के बावजूद ड्राइवर ने सतर्कता दिखाते हुए ट्रेन को नियंत्रित कर ब्रेक लगाकर रोका। कुछ दिन पूर्व भी इसी ट्रैक पर एक लड़के ने लाल साड़ी से सिग्नल देकर एक यात्री गाड़ी को रोककर ड्राइवर को पटरी के क्षतिग्रस्त होने की सूचना देकर यात्रियों की जान बचाई। रेलवे तथा सरकार यदि ऐसे सजग और बहादुरों को भी एक आधा लाख रुपया पुरस्कारस्वरूप देकर प्रोत्साहित करे तो शून्य दुर्घटना का लक्ष्य पाया जा सकता है और दुर्घटना पश्चात बांटे जाने वाले मुआवजे के करोड़ों रुपए भी बचाए जा सकते हैं।