दद्दू का दरबार : दुश्मन का दुश्मन

एमके सांघी
प्रश्न : दद्दूजी, सुब्रमण्यम स्वामी, जो कभी कांग्रेस और आप नेताओं के लिए सिरदर्द बने हुए थे, को भाजपा राज्यसभा में लेकर आई। मगर वे रिजर्व बैंक के गवर्नर के बाद अब अपनी ही पार्टी के शीर्ष नेताओं को निशाना बना रहे हैं। आप क्या सोचते हैं इस बारे में?


 
उत्तर : देखिए, पुरानी कहावत है कि 'दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है', किंतु लगता है कि अपनी आदत के अनुसार सुब्रमण्यम स्वामीजी ने इस कहावत को झुठलाने के लिए कमर कस रखी है। अब भाजपा हाईकमान पछताते हुए बस यही कह सकता है कि 'काश! हम अपनी दुश्मनी अकेले ही निभाते, दुश्मन के दुश्मन को दोस्त नहीं बनाते।'   

 
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