* हमारी संस्कृति में अतिथि सत्कार की महान परंपरा है। इसे लुप्त न होने देने के लिए आप अतिथि बनकर बारिश के मौसम में मित्रों, रिश्तेदारों के यहां जाएं। गरमा-गरम पकौड़ों, कचोरी-समोसे का आनंद उठाएं, मगर सावधान! अतिथि बनने का कोई भी अवसर उन्हें कभी भी प्रदान न करें।
* जब ज्यादा तेज पानी बरस रहा हो तब चार पहिया वाहनों में ही यात्रा करें अर्थात ज्यादा से ज्यादा कार वालों से लिफ्ट लेने की प्रतिभा अपने अंदर विकसित करें।
* चाय-कॉफी का भरपूर सेवन तो करें, मगर दूसरों के पैसों से।
* अगर पढ़ाई में आपका मन नहीं लग रहा हो तो स्कूल छोड़कर सैर-सपाटा करने निकल जाएं। सामाजिक बनने का पाठ पढ़ाते हुए पड़ोस के स्कूल वाले छात्रों को भी घुलने-मिलने की शिक्षा दें।
* व्यक्तित्व विकास में पैसे का बड़ा योगदान होता है इसलिए अपने बच्चों की शिक्षा में विकास के लिए नि:शुल्क कोचिंग ज्वॉइन कराएं। ध्यान रहे, पैसों की बचत ही विकसित व्यक्तित्व की सही बुनियाद है।
* वर्तमान युग में कम्प्यूटर ही जीवन है। इस सूत्र को ध्यान में रखकर शिक्षा के साथ-साथ आप कम्प्यूटर सीखें और शेष बचे हिस्से में अपनी क्लास की सुंदर कन्याओं को अपने घर के एकांत में 'कम्प्यूटर' सिखाएं।
* बारिश के मौसम में कार में सफर करें और पैदल राह चलते राहगीरों, ऑटो और दोपहिया वाहनों पर बैठे यात्रियों पर कीचड़ उड़ाएं और कार ऐसी चलाएं कि सड़कों पर भरे गंदे पानी से लोगों के कपड़े और मुंह पर उनके छींटें बरस पड़ें और आप आराम से हंसते हुए निकल जाएं...!
* बारिश के दिनों में होटल और जगह-जगह ठेलों पर लगे अलग-अलग खाने का खूब लुत्फ उठाएं, जब तक कि आपके पेट से तरह-तरह की आवाजें न निकलें...
बारिश के इस मौसम का भरपूर आनंद लें और दूसरों को भी परेशान करने का मौका न छोड़ें।