होली का शुक्रिया

ND

अच्छा हुआ दोस्त तूने
होली पर रंग लगाकर हँसा दिया
वरना अपने चेहरे का रंग तो
कब का महँगाई ने उड़ा दिया।
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दुश्मन राह में मिले
तो बचकर न निकलना
अपनी पिचकारी के रंग से
उसे सलाम अवश्य ही करना।
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तुम्हारे प्यार में डूबकर
हम हो गए थे बेहोश
शुक्रिया आपने चेहरे पर रंग छिड़का
अब आ रहा है होश।
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आपसे जुदाई में
यह होली है बेरंग
आँसुओं से तर है चेहरा
जिनमें नहीं है कोई रंग।
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आतंक और दुर्भावनाएँ
होलिका की तरह भस्म हो जाएँ
आओ प्यार और सद्भावना के रंग
होली के अवसर पर हम उड़ाएँ।
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ऊँचे लोग
ऊँची पसंद
भूलते जा रहे
होली के रंग
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पर्यावरण बचाएँ
न जलें लकड़ियाँ
दहेज प्रथा मिटाएँ
न जलें लड़कियाँ।
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