Ganesh Visarjan 2025: गणेश विसर्जन के दौरान न करें ये गलतियां, वर्ना नहीं मिलेगा बप्पा की सेवा का फल

WD Feature Desk

बुधवार, 3 सितम्बर 2025 (17:12 IST)
Ganesh Visarjan 2025: गणेश चतुर्थी का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। 10 दिनों तक चलने वाले इस महाउत्सव का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा के विसर्जन के साथ होता है। यह क्षण खुशी और उदासी का मिला-जुला एहसास लाता है। भक्तजन पूरे समर्पण के साथ बप्पा को विदा करते हैं, लेकिन इस दौरान जाने-अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिससे उनकी 10 दिनों की सेवा का पूरा फल नहीं मिल पाता। आइए जानते हैं कि विसर्जन के दौरान किन गलतियों से बचना चाहिए।
 
गणपति विसर्जन के दौरान इन नियमों का करें पालन
गणेश जी को विदा करते समय कुछ नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि आपकी भक्ति पूर्ण हो:
जलाशयों को गंदा न करें: सबसे बड़ी और गंभीर गलती लोग यह करते हैं कि वे नदियों, तालाबों और समुद्रों में रासायनिक रंग और प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) की मूर्तियों को विसर्जित कर देते हैं। इससे जल प्रदूषण होता है, जो पर्यावरण और जलीय जीवों के लिए हानिकारक है। विसर्जन हमेशा मिट्टी से बनी इको-फ्रेंडली मूर्तियों का ही करना चाहिए या फिर घर पर ही बनाए गए कृत्रिम तालाब में विसर्जन करना चाहिए।
मूर्ति खंडित न हो: विसर्जन के लिए मूर्ति को ले जाते समय विशेष ध्यान रखें कि वह खंडित न हो। खंडित मूर्ति का विसर्जन करना अशुभ माना जाता है। मूर्ति को सम्मानपूर्वक ले जाएं और धीरे-धीरे प्रवाहित करें।
अधूरे विधि-विधान से विसर्जन: जल्दबाजी में विसर्जन नहीं करना चाहिए। विसर्जन से पहले सभी पूजा-अर्चना और आरती पूरी विधि-विधान से करें। भोग लगाएं और भगवान से क्षमा-याचना करते हुए विदाई की प्रार्थना करें।
मूर्ति को एक दम पानी में न डालें: यह भगवान का अनादर है। मूर्ति को सीधे पानी में डालने के बजाय उसे धीरे-धीरे और सम्मानपूर्वक जल में प्रवाहित करें। यह एक श्रद्धापूर्ण प्रक्रिया है।
भोग और पूजा सामग्री को इधर-उधर न फेंकें: विसर्जन के बाद बची हुई भोग सामग्री, फूल, माला, और अन्य पूजन सामग्री को इधर-उधर न फेंकें। इन्हें नदी में बहाने की बजाय किसी साफ जगह पर रखें या मिट्टी में दबा दें।
विसर्जन के बाद पीछे मुड़कर न देखें: ऐसी मान्यता है कि विसर्जन के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। इसका अर्थ यह है कि हमें अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहिए और बप्पा के आशीर्वाद पर भरोसा रखना चाहिए।
इन नियमों का पालन करके, आप न केवल भगवान गणेश का सम्मान करेंगे बल्कि अपनी भक्ति को भी पूरी तरह से निभाएंगे। जब आप पूरी श्रद्धा और जिम्मेदारी के साथ बप्पा को विदा करेंगे, तो उनकी कृपा आपके और आपके परिवार पर पूरे साल बनी रहेगी।
 
क्यों है गणपति विसर्जन का महत्व?
गणेश विसर्जन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि इसका गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। ऐसी मान्यता है कि इन 10 दिनों में गणेश जी अपने भौतिक रूप में भक्तों के घर में वास करते हैं। विसर्जन का अर्थ है उनके भौतिक रूप को त्याग कर वापस अपने दिव्य धाम को लौटना। यह प्रक्रिया जीवन के चक्र को दर्शाती है—जन्म, जीवन और पुनर्मिलन। यह माना जाता है कि बप्पा जाते समय अपने साथ हमारे सभी दुखों, कष्टों और विघ्नों को ले जाते हैं, ताकि हमारा जीवन सुखमय रहे।
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