चुनाव आयोग मुझे और भाजपा को परेशान कर रहा है : नरेंद्र मोदी
गुरुवार, 8 मई 2014 (23:47 IST)
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नई दिल्ली। वाराणसी में अपनी रैली के लिए अनुमति नहीं दिए जाने की पृष्ठभूमि में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि उन्हें और भाजपा को चुनाव आयोग परेशान कर रहा है और वे चाहते हैं कि चुनाव आयोग जवाब दे।
मोदी ने कहा, यह चुनाव आयोग को जवाब देना है कि हमें क्यों परेशान किया जा रहा है। खासतौर पर क्यों एक पार्टी को परेशान किया जा रहा है, क्यों मोदी को परेशान किया जा रहा है। मेरे साथ काफी कुछ हुआ है, लेकिन फिलहाल मैं उसमें नहीं जाना चाहता हूं। चुनाव आयोग को फैसला करने दें। उनका बयान चुनाव आयोग द्वारा वाराणसी में उनकी रैली की अनुमति देने से इंकार किए जाने के एक दिन बाद आया है। वे वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वे चुनाव आयोग को निशाना नहीं बना रहे हैं। मोदी ने कहा कि उन्होंने एक भी शब्द नहीं कहा है। उन्होंने कहा कि यह उनकी पार्टी भाजपा है जिसने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है, जिसमें विस्तृत स्पष्टीकरण दिया गया है।
उन्होंने वाराणसी में रैली की अनुमति नहीं दिए जाने के खिलाफ अरुण जेटली समेत अपनी पार्टी के नेताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जाने का उल्लेख करते हुए 'टाइम्स नाउ' से कहा, मैं इस बारे में (चुनाव आयोग पर गुस्से के बारे में) बहुत कुछ नहीं कह सकता हूं क्योंकि वाराणसी में घटनाक्रम हो रहा है।
मोदी के करीबी सहयोगी जेटली स्थानीय चुनाव आयोग अधिकारियों पर हमला करने में सबसे आगे रहे हैं और उन्होंने इस मुद्दे पर कई बार चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। चुनाव आयोग ने निष्पक्षता के अभाव के आरोपों को आज खारिज कर दिया।
यह पूछे जाने पर कि प्रियंका गांधी के 'नीच राजनीति' संबंधी बयान को उन्होंने क्यों जातिगत मोड़ दिया तो मोदी ने स्पष्ट किया कि उस शब्द का गुजराती में उन्होंने जो जवाब दिया है उसके करीब है। वे गुजराती भाषा सबसे अच्छी तरह समझते हैं। मोदी ने कहा, मान लेते हैं कि मैंने गलत समझा, लेकिन तब भी इस तरह की भाषा के पीछे उनकी मंशा गलत थी।
भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि उन्होंने अपने निकट सहयोगी अमित शाह और बिहार के नेता गिरिराज सिंह जैसे पार्टी नेताओं के खिलाफ अंदरुनी तौर पर कड़ी कार्रवाई की जिन्होंने अपने बयानों में मुस्लिमों को निशाना बनाया था।
उन्होंने कहा कि इसी कारण इस तरह के बयान बंद हो गए हैं। उन्होंने कहा, मैंने इसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाया और इसी कारण यह सब बंद हुआ। अगर मैंने अंदरुनी व्यवस्था के तहत इसका विरोध नहीं किया होता तो आपको नहीं लगता कि यह जारी रहता? क्या यह नहीं रूका है? यह रूका है या नहीं? इसका मतलब है कि मैंने कार्रवाई की और आप समझ सकते हैं। (भाषा)