नीरज चोपड़ा, बजरंग पुनिया, रवि कुमार दहिया और लवलीना बोर्गोहेन जैसे कई महान खिलाडियों के आपने नाम सुने होंगे जिन्होंने ओलिंपिक गेम जीत कर भारत का नाम रोशन किया है। हर खिलाड़ी के ओलिंपिक बहुत महत्वपूर्ण है। ओलिंपिक के इन्ही महत्व को देखते हुए हर साल 23 जून को वर्ल्ड ओलिंपिक डे मनाया जाता है। चलिए जानते हैं इस दिवस से जुड़ी सारी जानकारी.....
क्या है इंटरनेशनल ओलिंपिक डे?
ओलंपिक दिवस खेल, स्वास्थ्य और साथ रहने का उत्सव है। यह हर साल 23 जून को दुनिया भर के सभी लोगों को एक्टिव होने और उद्देश्य के साथ आगे बढ़ने के लिए आमंत्रित करता है। दुनिया भर के प्रतिभागी उस दिन को याद करेंगे, जिस दिन पेरिस के सोरबोन में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की स्थापना की गई थी, जहां पियरे डी कूपर्टिन ने 23 जून 1894 को प्राचीन ओलंपिक खेलों के पुनरुद्धार के लिए रैली निकाली थी। इस खेल के माध्यम से दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने का प्रतिनिधित्व करता है।
क्या है इंटरनेशनल ओलिंपिक डे 2023 की थीम?
इस साल इंटरनेशनल ओलिंपिक डे की थीम 'Let's Move' निर्धारित की गई है जिसका उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को दैनिक शारीरिक गतिविधि के लिए समय निकालने के लिए प्रेरित करना है। दुनिया पहले से कहीं ज्यादा तेजी से आगे बढ़ रही है, लोग कम चल रहे हैं, रिसर्च से पता चलता है कि 80 प्रतिशत से अधिक युवा ऑप्टिमम मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए दैनिक गतिविधि स्तर तक पहुंचने में असफल रहते हैं।
पहला इंटरनेशनल ओलिंपिक डे कब मनाया गया था?
पहला ओलंपिक दिवस 23 जून 1948 को मनाया गया था। पुर्तगाल, ग्रीस, ऑस्ट्रिया, कनाडा, स्विट्जरलैंड, ग्रेट ब्रिटेन, उरुग्वे, वेनेजुएला और बेल्जियम ने अपने-अपने देशों में ओलंपिक दिवस का आयोजन किया। ओलंपिक चार्टर के 1978 एडिशन में, आईओसी(IOC) ने पहली बार सिफारिश की कि सभी NOCs ओलंपिक आंदोलन को बढ़ावा देने के लिए एक ओलंपिक दिवस का आयोजन करें।