पतंग उड़ाते समय अवश्य रखें यह सावधानियां...

संक्रांति पर हैं पतंग का खास महत्व 
 
मकर संक्रांति पर्व के दिन पतंग उड़ाने का भी खास महत्व है। आसमान में ऊंची उड़ती पतंग हमारी उम्मीदों की उड़ान की भी प्रतीक है। यह हमें ऊंचाई तक पहुंचने और बड़े सपने देखने का हौसला देती है। 
 

 
इसलिए आसमान में पेंच लड़ाने के लिए पतंगबाज खास तैयारी में लगे हुए हैं, वहीं बाजार में भी विभिन्न रंगों व डिजाइनों की आकर्षक पतंगें नजर आने लगी हैं। 
 
1. पतंग बाजी के शौकीन डोर या मांजा खरीदते समय ध्यान रखें, खास कर छोटे बच्चे। क्योंकि मांजा बनाने का तरीका बेहद ही खतरनाक है। मांजा बनाने के लिए एक खास किस्म की लोई तैयार की जाती है, जिसमें चावल का आटा, आलू, सरेस, गोंद, पिसा हुआ बारीक कांच का बुरादा और रंग मिलाया जाता है। इसे हाथों में रखकर, दो खंभों के बीच बांधे गए सूत के सफेद धागों पर उस लोई की अनेक परतें चढ़ाई जाती हैं और इस प्रकार खतरनाक मांजा तैयार होता है। इस मांजे से हाथ, गले में चोट लगने का खतरा ज्यादा रहता है। 
 
 

 

2. पतंग उड़ाने में कई बार हाथों में कट लगता है। इसीलिए उचका पकड़ने व पतंग उड़ाने वाले में सही तालमेल होना चाहिए।  
 
3. पतंग बाजी के शौकीन लोग बिना मुंडेर की छत से पतंग न उड़ाएं, क्योंकि निगाह पतंग पर रहने के कारण छत से गिरने की संभावना हो सकती है। 
 
4. वहीं सड़क पर पतंग लूटना भी परेशानी का कारण बन सकता है। अत: चारों तरफ ध्यान देकर ही पतंग लूटने का मजा उठाएं। 
 
 

 


5. पतंग उड़ाने वाली डोर में नायलॉन का होता है और उस पर कांच का बुरादा चढ़ा होने के कारण यह लोगों और आसमान में उड़नेवाले परिंदों तथा वन्य जीव के लिए भी खतरनाक होता है। 
 
6. कई बार पतंग बिजली के तारों में भी फंस जाती है। इसे निकालने के लिए न तो खंबे पर चढ़ें और न ही किसी अन्य तार की मदद से इसे निकालें। ऐसा करने से करंट लग सकता है। 
 
7. मकर संक्रांति के समय खास तौर पर बाजार में चाइना डोर छाई हुई है। अत: पतंग उड़ाने के लिए हमें चाइना डोर नहीं खरीदनी चाहिए। हमें समझना होगा कि इस डोर से हमारे अपने ही जख्मी हो रहे हैं। इसीलिए सादी डोर से पतंग उड़ाकर त्योहार का आनंद उठना चाहिए, ताकि किसी की जान खतरे में न पड़े। 

बच्चों को खास तौर से इन बातों के लिए सावधान करना चाहिए।

 

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