संक्रांति पर हैं पतंग का खास महत्व
मकर संक्रांति पर्व के दिन पतंग उड़ाने का भी खास महत्व है। आसमान में ऊंची उड़ती पतंग हमारी उम्मीदों की उड़ान की भी प्रतीक है। यह हमें ऊंचाई तक पहुंचने और बड़े सपने देखने का हौसला देती है।
1. पतंग बाजी के शौकीन डोर या मांजा खरीदते समय ध्यान रखें, खास कर छोटे बच्चे। क्योंकि मांजा बनाने का तरीका बेहद ही खतरनाक है। मांजा बनाने के लिए एक खास किस्म की लोई तैयार की जाती है, जिसमें चावल का आटा, आलू, सरेस, गोंद, पिसा हुआ बारीक कांच का बुरादा और रंग मिलाया जाता है। इसे हाथों में रखकर, दो खंभों के बीच बांधे गए सूत के सफेद धागों पर उस लोई की अनेक परतें चढ़ाई जाती हैं और इस प्रकार खतरनाक मांजा तैयार होता है। इस मांजे से हाथ, गले में चोट लगने का खतरा ज्यादा रहता है।
7. मकर संक्रांति के समय खास तौर पर बाजार में चाइना डोर छाई हुई है। अत: पतंग उड़ाने के लिए हमें चाइना डोर नहीं खरीदनी चाहिए। हमें समझना होगा कि इस डोर से हमारे अपने ही जख्मी हो रहे हैं। इसीलिए सादी डोर से पतंग उड़ाकर त्योहार का आनंद उठना चाहिए, ताकि किसी की जान खतरे में न पड़े।