विश्व साइकिल दिवस: कब, कहां, कैसे और क्यों, जानिए इतिहास

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World Bicycle Day History In Hindi
साइकिल को हम जिंदगी का सबसे पहला एडवेंचर कह सकते हैं। गिरते-पड़ते हम साइकिल चलाना सीखते हैं। उम्र के अनुसार साइकिल का भी अलग-अलग महत्व है। बचपन में साइकिल शौकिया तौर पर चलाते हैं, फिर धीरे-धीरे साइकिल का उपयोग स्कूल जाने के लिए करते हैं, तो कई लोग साइकिल से अपने काम पर जाते हैं। लेकिन वक्त के साथ साइकिल की उपयोगिता भी बदल गई और महत्व भी बदल गया है।
 
एक वक्त था जब साइकिल को परिवार में साधन का हिस्सा माना जाता था लेकिन अब यह सिर्फ एक्सरसाइज के तौर पर प्रयोग की जाती है। साइकिल का दौर 1960 से लेकर 1990 तक काफी अच्छा चला है। इसके बाद समय परिवर्तित होता गया। आज एक्सरसाइज के साथ ही साइकिल का उपयोग एक एथलेटिक्स द्वारा भी किया जाता है। विश्व साइकिल दिवस हर साल मनाया जाता है आइए जानते हैं क्यों यह दिन मनाया जाता है और क्या खासियत है।
क्यों मनाया जाता है विश्व साइकिल दिवस 
यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली द्वारा हर साल 3 जून को यह दिवस मनाया जाता है। आज ही के दिन साल 2018 में अंतरराष्ट्रीय साइकिल दिवस घोषित किया गया था। साइकिल दिवस को मनाए जाने के प्रस्ताव पर  अमेरिका के मोंटगोमरी कॉलेज के प्रोफेसर लेस्जेक सिबिल्सकी ने याचिका दी थी। इसके बाद सिबिल्सकी और उनके साथियों द्वारा प्रचार-प्रसार किया गया। जिसके बाद इस दिन को मनाने का निर्णय लिया।
 
क्या महत्व है इस दिन को मनाने का
साइकिल सबसे सस्ता वाहन है। इसके एक नहीं अनेक फायदे हैं। पेट्रोल की खपत नहीं होती, पर्यावरण दृष्टि से सुरक्षित है, एक्सरसाइज करने के लिए बेस्ट है, इम्युनिटी भी बढ़ती है।
 
साइकिल चलाने के फायदे
 

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