World Sparrow Day: हर साल 20 मार्च के दिन 'विश्व गौरैया दिवस' मनाया जाता है। पहली बार विश्व गौरैया दिवस सन् 2010 में मनाया गया था। पिछले कुछ सालों से प्रतिवर्ष 20 मार्च विश्व गौरैया दिवस को लोगों में गौरैया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। गौरैया को शहर के मुकाबलों गांव में रहना अधिक पसंद आता है।
आइए जानते हैं 10 खास तथ्य :
1. आजकल वृक्षों की अंधाधुंध कटाई और मोबाइल रेडिएशन के कारण गौरेया कम हो गई है तथा उनका अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।
2. बता दें कि सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद मोहम्मद ई. दिलावर के प्रयासों से तथा अन्य लोगों यानी जो पर्यावरण और वन्य जीव के प्रति जागरूक हैं, उन्हीं के कारण दुनिया भर में 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है, ताकि लोग इस पक्षी के संरक्षण के प्रति जागरूक हो सकें।
3. गौरैया संरक्षण के लिए पर्यावरणविद दिलावर द्वारा नेचर फॉर सोसाइटी नामक एक संस्था बनाई गई और उन्हीं के द्वारा शुरू की गई इस पहल पर आज बहुत से लोग गौरैया बचाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
4. गौरैया पासेराडेई परिवार का हिस्सा है। उसका वैज्ञानिक नाम 'पासर डोमेस्टिकस' है। यह लगभग 15 सेंटीमीटर की यानी बहुत ही छोटी होती है। और अधिकतम वजन मात्र 32 ग्राम तक होता है। यह कीड़े तथा अनाज खाकर अपना जीवनयापन करती है।
5. गौरैया पर मंडरा रहे खतरे के कारण ही आज हम सभी को अपनी जागरूकता बढ़ाने तथा पशु-पक्षियों की रक्षा का संकल्प लेकर उनका बचाव करना चाहिए, क्योंकि पर्यावरण, पशु-पक्षी और प्रकृति की सहारे ही मनुष्य जिंदा रह सकता है।
6. हमारे घर-आंगन में चहकती, फुदकती गौरैया आज बहुत ही कम क्षेत्रों में नजर आती है। हमारे घर के आसपास जब गौरैया चहकती हैं, तो वहां का वातावरण एकदम प्रफुल्लित और खुशनुमा हो जाता है। हमारा मन गाने लगता है तथा जब उसकी चीं-चीं की आवाज हमारे कानों में पड़ती हैं तो हम स्वयं भी खुश हुए बिना नहीं रहते हैं।
7. आजकल निरंतर बढ़ रहे आवास, अनाज में कीटनाशकों के अधिक इस्तेमाल, बड़े-बड़े घरों में मोबाइल टॉवर और उनसे निकलने वाली सूक्ष्म तरंगें गौरैया के अस्तित्व पर खतरा बन कर प्रश्नचिह्न लगा रही है।
8. अत: बदलते मौसम तथा पेड़ों की कटाई करने को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने की जरूरत है, ताकि गौरैया को लेकर अपने घरों तथा आसपास पेड़-पौधों पर बने पक्षियों के घोंसले को उजाड़ने के बजाय हमें उन्हें बसाने पर ध्यान देने की अधिक आवश्यकता है।
9. हमें चाहिए कि अपने घरों के आसपास ऐसा वातावरण निर्मित करें, जिससे कि गौरैया पुन: आसानी से अपने घोंसले बना सकें और उनके अंडे का संरक्षण हो सकें।
10. साथ ही इस दिवस पर पर्यावरण तथा गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे लोगों को गौरैया पुरस्कार से सम्मानित भी किया जाता है।
जानें विश्व गौरैया दिवस 2024 की थीम: world sparrow day 2024 theme
विश्व गौरैया दिवस 2024 की थीम इस बार 'विश्व गौरैया संगठन' की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार 'आई लव स्पैरोज़' (i love sparrows) तय की गई है। जिसका अर्थ लोगों में छोटे-छोटे प्यारे पक्षी और इंसानों के बीच संबंध बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।