विश्व दूरसंचार दिवस (world telecommunication day) हर साल 17 मई को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का खास उद्देश्य है दूरसंचार प्रौद्योगिकी के प्रति लोगों को जागरूक करना। कोरोना काल में इस माध्यम का महत्व कई गुना बढ़ गया है।
समाज में इसकी अलग भूमिका स्थापित हुई है। संचार की इस तकनीक से आज घर में बैठें लोग अपनों से फिर भी जुड़े हैं, यह सर्वश्रेष्ठ बात है। इस बार 52वां विश्व दूरसंचार दिवस मनाया जा रहा है। 17 मई 1969 को सबसे पहले इसे मनाया गया था। साल 2005 में यूनाइटेड नेशन महासभा में इसे सूचना दिवस के तौर पर घोषित किया गया था।
विश्व दूरसंचार दिवस 2021 की थीम
हर साल एक नई थीम होती है। इस बार थीम चुनौतीपूर्ण समय में डिजिटल परिवर्तन को गति देना है। कोरोना काल में यह थीम पूर्ण रूप से न्यायिक है। समूचे विश्व के लिए कोरोना काल एक चुनौतीपूर्ण समय है लेकिन डिजिटल रूप से मजबूत होने के नाते कई लोगों तक मदद पहुंच रही है। इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन के मुताबिक, कोविड-19 ने देशों के बीच और देशों के भीतर चौंकाने वाली डिजिटल असमानताओं को भी सामने लाया है।
संचार (कम्यूनिकेशन) के बदलते माध्यम में आज डिजिटल कम्यूनिकेशन की बड़ी भूमिका रही है। स्कूली शिक्षा से लेकर दूर बैठे विदेशों में परिजन, वर्क फ्रॉम होम, सहित अन्य कार्य सिर्फ घर बैठकर किए जा रहे हैं। यह बात तय है कि आज मजबूत कम्यूनिकेशन के बिना कोरोना की यह लड़ाई संभव नहीं है। कई लोग सोशल मीडिया के माध्यम से एक-दूसरे की हर संभव मदद कर रहे हैं, लोगों का उपचार ऑनलाइन किया जा रहा है। ऑनलाइन शॉपिंग को तवज्जों अधिक दी जा रही है।
शहरों में यह सुविधा आसानी से पहुंच गई है लोग इसका बखूबी उपयोग भी कर रहे हैं। लेकिन भारत में आज भी गांवों में जागरूकता की कमी है। जिसके प्रति जागरूक करना बहुत जरूरी है।