3 कितने ही विचार आचार में लाने में कष्टदायी होते हैं, इतना ही नहीं, वे कडुए भी लगते हैं, लेकिन वे ही विचार जीवन को उदात्त बनाते हैं।
4 ऐसे सुंदर, सात्विक विचारों का सेवन करने वाला मानसिक और बौद्धिक आरोग्य पाता है। उसका जीवन निरोगी बनता है। प्रगति के रास्ते पर जाने वाले को जीवन में कितने 'कडुए घूंट' पीने पड़ते हैं, इसका भी इनमें दर्शन है।