मेहता का आरोप है कि यह बिल चढ़ाकर पेश किया गया। उन्होंने कहा कि यह जानकारी आरटीआई में सामने आई है। मेहता ने कहा कि कच्छ में सफेद रण को टूरिस्ट डेस्टीनेशन के तौर पर प्रमोट करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में जिला प्रशासन की ओर से 2.55 करोड़ रुपए प्रायोजकों से एकत्रित किए थे। बाद में प्रायोजकों को छूट भी दी गई थी।
जब मेहता से पूछा गया कि यह जानकारी इतने सालों बाद सामने लाने का क्या तुक है, इस पर उन्होंने कहा कि इतने साल से मैं सूचनाएं जुटा रहा था, इसलिए देर हुई। मेहता के आरापों पर भाजपा के प्रवक्ता ओर पूर्व कैबीनेट मंत्री जयनारायण व्यास ने कहा कि महेता किस आधार पर यह दावा कर रहे हैं यह तो दस्तावेज जाहिर होने के बाद ही पता चल सकता है। अत: फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया उचित नहीं है।