दाहोद (गुजरात)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए उन्हें 'फसली बटेर' की संज्ञा दी और जनता को ऐसे दलों से सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जो फसली बटेर होते हैं न, वे फसल तैयार होने पर आते हैं। वे अनाज लेते हैं और फिर खेत को खराब कर चल देते हैं।
जनजातीय बहुल दाहोद जिले में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 70 सालों में जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए कुछ नहीं किया जबकि भाजपा सरकारों ने इसके लिए अनेक काम किए और समुदाय विशेष के लोगों को राष्ट्रपति, राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री तक बनाया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आप ऐसी पार्टियां हैं, जो सिर्फ चुनावों में दिखती हैं और चुनाव के बाद गायब हो जाती हैं लेकिन चुनाव के बाद अगर कोई सेवा के लिए बचता है तो भाजपा के कार्यकर्ता बचते हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात में आम आदमी पार्टी सरकार बनाने आई थी लेकिन अब इसका आकार भी बचेगा या नहीं, ये तो 8 तारीख (मतगणना) के बाद ही पता चलेगा।
नड्डा ने कहा कि ये चकमा देने वाले लोग हैं, इन फसली बटेरों से आपको सतर्क रहना है। जो फसली बटेर होते हैं न, वे फसल तैयार होने पर आते हैं। वे अनाज लेते हैं और फिर खेत को खराब कर चल देते हैं। वे फिर मिलते ही नहीं हैं। ज्ञात हो कि 'फसली बटेर' शब्द का उपयोग आमतौर पर कथित 'अवसरवादियों' के लिए किया जाता है।
आप पर निशाना साधते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तरप्रदेश, गोवा और उत्तराखंड जैसे राज्यों के चुनाव में उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई थी और यही हाल उनका हिमाचल प्रदेश और गुजरात में होने वाला है। नड्डा ने कहा कि 20 साल पहले दाहोद क्षेत्र की जनता बूंद-बूंद पानी के लिए तरसती थी, स्कूल-कॉलेज और स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव था लेकिन आज इस क्षेत्र में सब उपलब्ध है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 70 सालों तक देश में शासन किया लेकिन उसने कभी जनजातीय समुदाय की सुध नहीं ली। ये तो वाजपेयीजी (पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी) थे जिन्होंने अलग जनजातीय मंत्रालय बनाया और उनके कल्याण के लिए कोष दिया। (नरेन्द्र) मोदीजी ने देश की जनजातीय समुदाय की एक महिला को राष्ट्रपति बनाया। केंद्र सरकार में इस समुदाय से आज 8 मंत्री हैं और 3 राज्यपाल हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जनजातियों व आदिवासियों के लिए केवल घड़ियाली आंसू बहा रही हैं।(भाषा)