सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर को जायज ठहराने संबंधी मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले को लेकर कांग्रेस समेत अन्य दलों ने मोदी पर हमले तेज कर दिए हैं। कांग्रेस ने कहा कि सत्ता में आने पर मोदी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि सूरत कलेक्टर से रिपोर्ट मिलने के बाद वे इस संबंध में फैसला लेंगे।
दक्षिणी गुजरात में स्थित माँगरोल में एक चुनावी सभा को मंगलवार को संबोधित करते हुए मोदी ने पुलिस मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन के मारे जाने को उचित ठहराया। इसके साथ ही मोदी ने कहा कि उसके साथ वही हुआ जिसका वह हकदार था।
उन्होंने जनता से सवाल किया उस व्यक्ति के साथ क्या व्यवहार किया जाए जिसके पास से भारी बड़ी संख्या में एके 47 राइफलें मिलीं, जिसे चार राज्यों की पुलिस तलाश कर रही थी, जिसने पुलिस पर हमला किया, जिसके पाकिस्तान के साथ संबंध थे और जो गुजरात में प्रवेश करने की ताक में था। इसके बाद भीड़ ने कहा कि उसे मार दो। इस पर मोदी ने सवाल किया क्या इसके लिए मेरी सरकार को सोनिया बेन से अनुमति लेने की आवश्यकता है?
मोदी ने कहा गुजरात की भूमि पर मौत के सौदागरों के साथ ऐसा ही व्यवहार होगा। अगर मैंने कोई अपराध किया है तो सोनिया बेन की सरकार मुझे फाँसी की सजा दे सकती है।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी आतंकवाद के बारे में विचार व्यक्त करती हैं, लेकिन वह यह अधिकार खो चुकी हैं क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संसद पर हमला करने वाले अफजल गुरु को फाँसी की सजा सुनाए जाने के एक वर्ष बाद भी आदेश के पालन के लिए कुछ नहीं किया गया है।
इसके पहले सोनिया गाँधी ने दक्षिणी गुजरात में एक चुनावी सभा में गुजरात में सत्ता में बैठे लोगों को बेईमान और मौत का सौदागर बताया था। मोदी ने पहले चरण के चुनाव के कुछ ही दिन पहले चुनावी अभियान को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास किया है। पहले चरण में दक्षिणी गुजरात सौराष्ट्र और कच्छ में 87 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मोदी 2002 की चुनावी कामयाबी को दोहराने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच मोदी के बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस ने कहा कि इससे उन्हें आश्चर्य नहीं हुआ है।
मोदी से ऐसी ही उम्मीद थी : कांग्रेस नेता अर्जुन मोधवाड़िया ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि मोदी चुनावों के पहले ऐसा कुछ करेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी ने मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन के मारे जाने को उचित ठहराया है, लेकिन उनकी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर कर कहा है कि वह फर्जी मुठभेड़ थी। मोधवाड़िया ने कहा कि मोदी को उस समय न्यायालय को हलफनामा दायर कर कहना चाहिए था कि उनकी पुलिस ने जो किया वह सही था।
उन्होंने कहा कि लेकिन मोदी ने तीन आईपीएस अधिकारियों सहित 10 पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया। जाँच से साबित होता है कि मुठभेड़ फर्जी थी और इसे उनकी पुलिस ने अंजाम दिया था। उल्लेखनीय है कि सोहराबुद्दीन का फर्जी मुठभेड़ मामला और बाद में उसकी पत्नी कौसर बी की रहस्यमय ढंग से हुई मौत पर काफी विवाद हुआ था।
चुनाव आयोग को रिपोर्ट का इंतजार : चुनाव आयोग ने आज गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में सोहराबुद्दीन शेख की मुठभेड़ में हत्या को सही ठहराए जाने पर फैसला जिलाधिकारी से रिपोर्ट मिलने के बाद लेने की घोषणा की।
मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के भाषण पर मुझे सूरत के जिलाधिकारी की रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि यह खबर मीडिया में है, लेकिन हम जिलाधिकारी की आधिकारिक रिपोर्ट पढ़ने के बाद फैसला करेंगे कि क्या करना है।
येचुरी ने मोदी की निंदा की : सोहराबुद्दीन शेख की हत्या को वाजिब ठहराने के नरेंद्र मोदी के बयान की आलोचना करते हुए माकपा नेता सीताराम येचुरी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री तक को किसी हत्यारे के भविष्य का फैसला करने का अधिकार नहीं है। केवल न्यायिक प्रक्रिया से ही यह तय किया जा सकता है। येचुरी ने कहा कि यह शर्मनाक है। हम मोदी के बयान की निंदा करते हैं।