उत्तराखंड प्रदेश में हरिद्वार अर्थात हरि का द्वार है। हरि याने भगवान विष्णु। हरिद्वार नगरी को भगवान श्रीहरि बद्रीनाथ का द्वार माना जाता है, जो गंगा के तट पर स्थित है। इसे गंगा द्वार और पुराणों में इसे मायापुरी क्षेत्र कहा जाता है। यह भारतवर्ष के सात पवित्र स्थानों में से एक है। हरिद्वार में हर की पौड़ी को ब्रह्मकुंड कहा जाता है। इसी विश्वप्रसिद्ध घाट पर कुंभ का मेला लगता है और यहीं पर विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती होती है। आओ जानते हैं हरिद्वार के घाटों के नाम और राम घाट के बारे में संक्षिप्त जानकारी।
1. हरिद्वार में हर की पौड़ी ही प्रमुख घाट है जहां पर अमृत कुंभ का जल गिरा था। यहीं पर भगवान विष्णु के पद चिन्ह भी हैं। इस घाट क्षेत्र को ब्रह्मकुंड भी कहा जाता है।
2. इसके अलावा यहां पर मालवीय घाट, नाईसोता घाट, जनाना घाट, सुभाष घाट, गऊ घाट, विष्णु घाट, कुशावर्त घाट, नारायणी स्रोत, राम घाट, त्रिवेणी घाट, बिरला घाट आदि कई घाट हैं जहां पर श्रद्धालु स्नान करते हैं।
3. रामघाट : कहा जाता है कि भगवान राम ने रावण का वध करने के बाद इसी घाट पर ब्रह्म हत्या से दोष से मुक्ति पाने के लिए तपस्या की थी। मान्यता यह है कि इस घाट पर स्नान करने से बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद तो मिलता ही है। साथ ही साथ व्यक्ति को मान सम्मान की प्राप्ति भी होती है।