कुमारी सैलजा ने बताया, हरियाणा में क्यों CM कैंडिडेट घोषित नहीं करेगी कांग्रेस?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शनिवार, 24 अगस्त 2024 (12:18 IST)
haryana election 2024 :  कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन की संभावना से इनकार करते हुए कहा है कि उनकी पार्टी खुद में मजबूत है तथा अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। सैलजा का यह भी कहना था कि कांग्रेस जिन राज्यों में विपक्ष में होती है वहां आमतौर पर मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं करती है। ALSO READ: हरियाणा में सभी 90 सीटों पर 1 अक्टूबर को मतदान, 4 अक्टूबर को मतगणना
 
उन्होंने कि इस चुनाव में इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) और बसपा के गठबंधन और जननायक जनता पार्टी से कांग्रेस को कोई नुकसान नहीं होगा तथा मुख्य विपक्षी दल पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगा। हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीट के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा। मतगणना चार अक्टूबर को होगी।
 
इस चुनाव में ‘आप’ के साथ गठबंधन की संभावना के बारे में पूछे जाने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सैलजा ने कहा कि हम (इंडिया गठबंधन में) साझेदार हैं, लेकिन यह तय किया गया था कि राज्य के स्तर पर (गठबंधन) फैसला होगा। पहले आम आदमी पार्टी ने कहा है कि वह विधानसभा चुनाव में गठबंधन नहीं करेंगे।
 
पिछले 13 अगस्त को हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा था कि राज्य के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के बारे में कोई चर्चा नहीं है तथा कांग्रेस खुद में सक्षम है।
 
इससे पहले, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी गत चार जुलाई को कहा था कि दिल्ली और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन की बहुत गुंजाइश नहीं है। हालांकि, महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों में विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन बरकरार रहेगा।
 
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक हैं। लोकसभा चुनाव में दोनों दलों ने दिल्ली एवं हरियाणा में मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन पंजाब में दोनों अलग-अलग मैदान में उतरे थे।
 
सैलजा ने इस बार खंडित जनादेश की संभावना को भी खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा का पूरे हरियाणा में बहुत ज्यादा आधार नहीं रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आने के बाद उन्होंने सरकार बनाई। उन्होंने किसी तरह से सरकार बनाई। उन्हें विधानसभा चुनाव में एक बार 46 सीटें मिलीं और दूसरी बार 40 सीट हासिल हुईं। वो किसी तरह से सरकार बनाने में सफल रहे। पिछले 10 वर्षों में जमीन पर भाजपा का काम नहीं दिखा। उनके राजनीतिक नेतृत्व और जनता के बीच जुड़ाव नहीं था।
 
इनेलो-बसपा गठबंधन तथा जजपा के असर के बारे में पूछे जाने पर सैलजा ने कहा ‍कि जजपा अपनी जमीन खो चुकी है। वह टूट चुकी है। पिछली बार उनके जो विधायक जीते थे वो कांग्रेस के लोग ही थे। उनके लिए मौका नहीं देखती हूं। लोकसभा चुनाव में इनेलो का प्रदर्शन भी नगण्य था। बसपा भी अपना आधार बहुत खो चुकी है। जब परिणाम आएगा तो पता चलेगा कि इस गठबंधन का कोई असर नहीं था। (भाषा)
Edited by : Nrapendra Gupta 

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