प्याज वस्तुतः एक पत्तेदार सब्जी है। हाँ यह जरूर है कि इसके पत्तों का अधिकांश भाग जमीन के अंदर होता है। ये पत्ते भी विचित्र हैं, पालक-मेथी की तरह चपटे न होकर गोल हैं, पोंगली की तरह। प्याज के पत्ते कुछ जमीन के अंदर रहते हैं, कुछ बाहर। जो हिस्सा जमीन के बाहर निकल आता है वह हरा-गोल होता है और जो हिस्सा जमीन के अंदर ही रहता है वह सफेद या हल्का गुलाबी रहता है। पत्तों का निचला हिस्सा मांसल व गूदेदार होता है। प्याज का कंद पत्तियों के इन्हीं निचले हिस्सों से बनता है।
ऐसा माना जाता है कि प्याज की उत्पत्ति ईरान, पश्चिमी पाकिस्तान और उत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों में हुई है। प्याज की प्राचीनता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिरामिड निर्माता भी प्याज खाते थे। प्याज प्राचीन मिस्र में प्रिय भोजन सामग्री था। वहाँ के मकबरों पर इसे उकेरा गया है। यही नहीं ममियों के साथ भी प्याज मिले हैं। प्याज का जिक्र बाइबल और कुरान में भी आया है। कहने का आशय यह है कि प्याज का जिक्र हिप्पोक्रेटस से आज तक होता आया है।
हम प्याज का सलाद एवं सब्जी के रूप में तो उपयोग करते ही हैं, यह एक बेहतरीन औषधि भी है। प्याज अजीर्ण और पतले दस्त में लाभकारी है। यह जीवाणुरोधी, तनावरोधी व दर्द निवारक, कम सारक, मधुमेह नियंत्रक, प्रदाह निवारक, पथरी हटाने वाला और गठियारोधी भी है।