कोरोना का प्रकोप अब धीरे-धीरे कम होने लगा है, लेकिन टीबी का खतरा बढ़ने लगा है। जिसे क्षय रोग भी कहते हैं। यह बीमारी मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है साथ ही अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकती है। हवा के माध्यम से यह रोग होता है। टीबी के मरीजों से दूरी बनाकर रखना पड़ती है, क्योंकि उनकी ड्रॉपलेट्स से स्वस्थ इंसान को भी खतरा हो सकता है। टीबी दो प्रकार से हो सकता है। सुप्त और सक्रिय अवस्था में। सुप्त अवस्था में संक्रमण होता है लेकिन निष्क्रिय रहता है। वहीं सक्रिय अवस्था में शरीर को बीमार करता जाता है।
टीबी के लक्षण -
- लगातार 3 हफ्तों तक खांसी आना। - खांसी के साथ खून भी आना। - छाती में दर्द होना और सांस का फूलना। - वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना। - शाम को बुखार का आना और ठंड लगना। - रात में पसीना आना।
टीबी से बचाव के उपचार - टीबी का जितना जल्दी उपचार हो जाए आराम मिलता है। - टीबी के मरीजों को ताजे फल, प्रोटीन, फैट युक्त आहार, कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई जा सकती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होने पर जल्दी रिकवर होते हैं। - साफ - सफाई का विशेष ध्यान रखें।