ठंड में आयुर्वेद के 7 टिप्स, हेल्थ के लिए रहेंगे बेहद फायदेमंद

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ठंड के मौसम में अच्छी सेहत के लिए आपको कुछ बातों को जानना और उनका ध्यान रखना जरूरी है। हम ऐसी ही 7 बातें आपको बता रहे हैं, जो आयुर्वेद के अनुसार आपको जरूर फॉलो करनी चाहिए - 
 
1 आयुर्वेद के अनुसार इन दिनों में सुबह जल्दी उठकर, जरूरी कार्यों से निवृत्त होकर व्यायाम करना चाहिए। इस मौसम में मॉर्निंग वॉक बेहद फायदेमंद है। व्यायाम करने के पश्चात तेल मालिश करना चाहिए।
 
2 वैसे तो जाड़े में नहाने के लिए गरम पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन जो हमेशा ठंडे पानी का उपयोग नहाने में करते हैं, उन्हें ठंडे पानी से ही नहाना चाहिए। आयुर्वेद की जड़ी-बूटियों का स्टीम बाथ इस मौसम में बहुत फायदेमंद रहता है। 
 
3 इस मौसम में शकर की अपेक्षा गुड़ सर्दी में ज्यादा फायदेमंद होता है। शहद का उपयोग भी स्वास्थ्यवर्द्धक रहता है। इसके अलावा गर्माहट के लिए शुद्ध घी का सेवन और मूंग, तुवर, उड़द की दालों का उपयोग अच्छा रहता है। ध्यान रखें कि दाल छिलके वाली एवं बिना पॉलिश की होना चाहिए। 
 
4 जाड़ों में रात बड़ी होने से सुबह जल्दी ही भूख लग जाती है। सुबह का नाश्ता तंदुरुस्ती के लिए ज्यादा फायदेमंद है इसलिए इन दिनों नाश्ते में हलवा, शुद्ध घी से बनी जलेबी, लड्‍डू, सूखे मेवे, दूध आदि पौष्टिक एवं गरिष्ठ पदार्थों का सेवन करना चाहिए।
 
5 इस मौसम में सूखे मेवे का सेवन भी लाभदायक रहता है। इन्हें उबालना नहीं चाहिए। मेवों की मिठाई गरिष्ठ एवं हानिकारक होती है, जबकि सभी मेवे स्वादिष्ट रुचिकर, तृप्तिकर होते हैं। सर्दी में बादाम, पिस्ता, काजू, छुआरे, पिंड खजूर, अंजीर, केसर का उपयोग करना चाहिए। 
 
6 अचार पाचनकर्ता है, लेकिन इस मौसम में यह अधिक खाने से नुकसान करता है। बीमारी में केवल नींबू का अचार रोग के अनुसार दिया जा सकता है।
 
7 इस मौसम में जुकाम और इन्फलूएंजा की शिकायत हो जाया करती है। ऐसी हालत में दालचीनी का तेल मिश्री के साथ थोड़ा खाने से तथा रुमाल पर कुछ बूंदें छिड़ककर सूंघने से लाभ मिलता है। नए जुकाम में दाल चीनी की छाल का चूर्ण डेढ़ माशा को गरम चाय से लेने से विशेष लाभ होता है।

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