ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ : जानें ब्रेस्ट कैंसर के कारण, लक्षण और 6 उपाय...

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ब्रेस्ट कैंसर तेजी से बढ़ने वाले कैंसरों में से एक है, जो स्तन में पनपता है। यह सिर्फ महिलाओं में ही नहीं बल्कि कुछ मामलों में पुरुषों में भी होता है। इससे बचने के लिए इसे जानना बेहद जरूरी है। क्या है ब्रेस्ट कैंसर ? आइए जानते हैं इसके कारण, लक्षण और उपाय -  
 
ब्रेस्ट कैंसर : शरीर के किसी अंग में होने वाली कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्ध‍ि कैंसर का प्रमुख कारण होती है। शरीर की आवश्यकता अनुसार यह कोशि‍काएं बंट जाती है, लेकिन जब यह लगातार वृद्धि करती हैं तो कैंसर का रूप ले लेती हैं। इसी प्रकार स्तन कोशिकाओं में होने वाली अनियंत्रित वृद्ध‍ि, स्तन कैंसर का मुख्य कारण है। कोशिकाओं में होने वाली लगातार वृद्धि एकत्र होकर गांठ का रूप ले लेती है, जिसे कैंसर ट्यूमर कहते हैं।   
 
स्तन कैंसर होने पर पहले या दूसरे चरण में ही इसका पता चल जाने से सही समय पर इसका इलाज संभव है। लेकिन इस बारे में पता चलना भी आपकी जागरूकता पर निर्भर करता है। यदि आप स्तर कैंसर के प्रति जागरूक हैं, तो इसके लक्षणों को पहचानकर आप इसका इलाज सही समय पर करवा सकते हैं। आइए सबसे पहले जानते हैं स्तन कैंसर के सामान्य कारणों को - 
 
कारण - विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार बच्चे नहीं पैदा करना, अधि‍क उम्र में पहला बच्चा होना, स्‍तनपान नहीं कराना, वजन में अत्यधिक वृद्धि और अक्सर शराब का सेवन करना तथा खराब व अनियंत्रित जीवनशैली स्तन कैंसर के प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा अनुवांशि‍क रूप से भी स्तन कैंसर की बीमारी होना संभव है।   
इसके अलावा महिलाओं को जागरूक रहने के साथ ही नियमित तौर पर स्तन कैंसर की जांच करवाना चाहिए। महिलाएं अपने ब्रेस्‍ट का परीक्षण, मैमोग्राफी से करवा सकती हैं। इसका उपयोग रोग की पहचान करने और उसका पता लगाने के उपकरण के रूप में किया जाता है। मैमोग्राफी का लक्ष्य स्तन कैंसर का शुरूआती दौर में ही पता लगाना है।  
 
लक्षण -  स्तन के आकार में बदलाव महसूस होना , स्तन या बांह के नीचे की ओर टटोलने पर गांठ महसूस होना, स्तन को दबाने पर दर्द होना, कोई तरल या चिपचिपा पदार्थ स्त्रावित होता, निप्पल के अग्रभाग का मुड़ना एवं रंग लाल होना, स्तनों में सूजन आ जाना, स्तन कैंसर के प्रमुख हैं, जिनके महसूस होने पर सतर्क होकर इससे बचने के उपाय करना बेहद आवश्यक है।   
 
स्तन कैंसर को रोकने के उपाय :
 
एक्सरसाईज और योगा को नियमित तौर करें 
नमक का अत्यधिक सेवन न करें 
रेड मीट के अधि‍क सेवन से बचें 
सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से बचें
अधिक मात्रा में धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार सेवन करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श लें। 

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