हरा-भरा धनिया : स्वाद और सेहत दोनों के लिए बढ़‍िया...

इसके उपयोग से शरीर को फायदे होते हैं। हरा धनिया वातनाशक होने के साथ-साथ पाचनशक्ति भी बढ़ाता है। हरा धनिया के साथ खास-तौर पर पुदीना मिलाकर इसकी चटनी बनाई जाती है। जो हमारे शरीर को ठंडक देती है। 


इसको खाने से नींद भी अच्छी आती है। शुद्ध शाकाहार में हरे धनिए का उपयोग बहुतायत में किया जाता है। ताजा हरा धनिया व हरी मिर्च की चटनी उत्तरांचल में बहुत प्रसिद्ध है। इसका उपयोग मेहमान नवाजी में खासतौर पर किया जाता है।




गुजराती लोग खासतौर पर हरे धनिए के साथ लहसुन और गुड़ मिलाकर इस चटनी का उपयोग करते हैं। धानी वाला कोरमा हरे धनिए के कारण ही कश्मीर में मशहूर है। 


मध्यप्रदेश में खास कर हरा धनिया और कैरी का उपयोग कर चटनी बनाई जाती है। जो दाल-बाटी या सादे भोजन के साथ भी बनाई जाती है। यह चटनी स्वाद के साथ सेहत के लिए अधिक गुणकारी होती है। 

घर पर पानीपुरी बनाने-खाने वाले लोग भी हरा धनिया और कैरी का उपयोग कर घर में ही मसाले वाला पानी तैयार करते हैं। जो बहुत स्वादिष्ट होने के साथ-साथ पाचनशक्ति को ठीक करने का काम करता है। 


हरे धनिए का दही के रायते में भी भरपूर उपयोग किया जाता है। इससे दही के गुण बढ़ जाते हैं। 

माँस को ताजा बनाए रखने के लिए भी हरे धनिए का इस्तेमाल किया जाता है।

दिमाग की तरावट के लिए सूखे धनिए यानी पिसे हुए धनिया बीज का पंजीरी व ठंडाई में और सब्जियों में ग्रेवी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। 

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