कोरोना वायरस का खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। लेकिन अधिक से अधिक वैक्सीन लगने के बाद हर्ड इम्यूनिटी बनने की आशंका नजर आने लगी है। वहीं अब 2 से 18 तक बच्चों के लिए जल्द ही वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। क्योंकि देखा जाए तो कोविड की दूसरी लहर में 2 से 18 साल तक के बच्चे भी इसकी चपेट में आए है। कोवैक्सीन बनाने वाली भारत बायोटेक ने 2 से 18 साल के बच्चों पर किए वैक्सीन के ट्रायल का डेटा SEC और CDCSO को ही सौंपा है। इसके बाद DGCI की मंजूरी मिल सकती है। मंजूरी मिलने के बाद ही बच्चों को वैक्सीन लगेगी।
12 अक्टूबर को यह खबर सामने आई थी कि DGCI की ओर से बच्चों की वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन यह सही नहीं है। अभी प्रोसेस जारी है। DGCI से मंजूरी मिलने के बाद वैक्सीन लगाई जाएगी।
वैक्सीन से जुड़ी जानकारी..
- भारत बायोटेक द्वारा वैक्सीन ट्रायल जारी है। 28 दिन के अंतराल से दो डोज लगाए है। ट्रायल के दौरान वैक्सीन बच्चों पर सफल साबित हुई है। बच्चों पर फिलहाल किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नजर नहीं आया है। हालांकि वैक्सीनेशन कब से शुरू होगा इसकी कोई जानकारी नहीं है।
- बच्चों के लिए वैक्सीन क्यों जरूरी है ?
बता दें कि बच्चों के लिए वैक्सीन की जरूरत इसलिए है क्योंकि दूसरी लहर में बच्चे कोविड की चपेट में आए है। हालांकि उनपर बहुत अधिक असर नहीं दिखा है। लेकिन बच्चों से कोविड फैलना का खतरा बड़ें और बुजूर्ग में अधिक होता है। वहीं दूसरी लहर में जिन बच्चों को कोविड नहीं हुआ है वह आशंकित तीसरी लहर में शिकार नहीं हो जाएं। अगर उन्हें भी वैक्सीन लग जाती है तो कोविड की चपेट में आने से बच सकते हैं।
- पहले किसे लगेगी वैक्सीन? जी हां, ये सबसे अहम सवाल है कि पहले वैक्सीन किसे लगेगी। केंद्र सरकार द्वारा इसे लेकर गाइडलाइन तय की जाएगी। हालांकि अभी वैक्सीन का पर्याप्त स्टोरेज नहीं होगा। ऐसे में यह वैक्सीन सबसे पहले कैंसर, अस्थमा या दूसरी गंभीर बीमारी से जूझ रहे बच्चों को लगेगी। गौरतलब है कि जब वैक्सीनेशन की शुरूआत की गई थी तब भी प्राथमिकता से बुजुर्ग लोगों को लगाया था क्योंकि उनकी इम्युनिटी कमजोर होती है।