जी हां, डेंगू जैसी बीमारी में अगर सिरदर्द या अन्य समस्या अधिक होने पर आप मरीज को एस्प्रिन दे रहे हैं, तो रूक जाइए। क्योंकि डेंगू में एस्प्रिन देना, मरीज के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। यही नहीं आप एस्प्रिन के अलावा, डिस्प्रिन या इबूप्रोफेन जैसी दवाओं का प्रयोग कर रहे हैं, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि आप मरीज को खतरे में डाल रहे हैं।
ठहरे पानी में पनपने वाले एडीज मच्छर के काटने पर एक स्वस्थ व्यक्ति डेंगू की चपेट में आ सकता है। सिरदर्द, बदन दर्द, बुखार आदि समस्याएं डेंगू के प्रमुख लक्षणों में शामिल है। लेकिन अगर आप इन समस्याओं क उपचार के लिए बगैर डॉक्टर की सलाह के, घर पर अपनी मर्जी से दवाएं ले रहे हैं, तो आपको सतर्क रहने के बहुत अधिक आवश्यकता है। खास तौर पर डेबूप्राफेन, डिस्प्रिन या एस्प्रिन जैसी दवाओं का सेवन आपको मौत के मुंह में धकेल सकता है।
सामान्य: डेंगू होने पर प्लेटलेट्स पर बुरा असर पड़ता है, जिससे ब्लड क्लॉट हो जाता है और ब्लीडिंग होने लगती है। ऐस्प्रिन या इबूप्रोफेन का भी यही प्रभाव होता है। दोनों दवाओं के असर के कारण ब्लीडिंग ज्यादा होने की संभावना बढ़ जाती है और इस अवस्था को ‘डेंगू शॉक सिन्ड्रोम’ कहते हैं। ऐसा होने की स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती रखने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होता।