डॉक्टर्स डे : कभी ना करें सेहत से समझौता

कभी बैठकर सोचें कि आप अपनी या अपने परिवार की सेहत के बारे में कितने फिक्रमंद रहते हैं। सेहत आपकी प्राथमिकताओं में किस क्रम पर है। बीमार होने पर डॉक्टरों-अस्पतालों की दौड़ लगाना, अच्छे से अच्छा इलाज पर जमकर और जरूरत पड़ने पर कर्ज लेकर भी खर्च करना सेहत के प्रति फिक्रमंदी नहीं है। 

अपने आपको और अपने परिवार को स्वस्थ एवं चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए हमें सेहत को अपनी सबसे पहली प्राथमिकता बनाना होगा। अक्सर हम तब जागते हैं जब बड़ी देर हो चुकी होती है। रोज सुबह आधा घंटा पैदल घूमने जैसी अत्यंत सरल व बिना खर्च वाली स्वास्थ्यप्रद कसरत को हम अपनी किसी न किसी व्यस्तता या मजबूरी के बहाने टाल देते हैं और जब दिल का दौरा, बायपास ऑपरेशन या मधुमेह का झटका लगता है तब उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं। 

ईश्वर ने अच्छे स्वास्थ्य को बड़ा सस्ता, बड़ा कम खर्चीला बनाया है। नियमित खान-पान, स्वास्थ्यप्रद भोजन (जो आपके जंक फूड से कई गुना सस्ता है), हल्का-फुल्का व्यायाम और तनावमुक्त जीवन ये वे उपाय हैं जो आपको सबसे बड़ा सुख निरोगी काया दे सकते हैं। 
 
इसी को आप सबसे खर्चीला भी बना सकते हैं- अनियमित व असंयमित खान-पान, मदिरा पान, धूम्रपान, व्यर्थ के तनाव व आराम-तलब जिंदगी इसका रास्ता है। 
 
अब तय आपको करना है कि आप संकट का इंतजार करना चाहते हैं या संकट से पहले जागना?

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