आज के समय में हमारी लाइफस्टाइल काफी बदल गई है। इस बदलती लाइफस्टाइल के कारण लोगों में स्ट्रेस की समस्या भी बढ़ गई है। स्ट्रेस की समस्या के कारण शरीर में कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। साथ ही स्ट्रेस के कारण हेयर फॉल की समस्या भी बहुत होती है। हेयर फॉल की समस्या के कारण कई लोगों के बाल बहुत कम हो जाते हैं। साथ ही बढती उम्र के कारण भी गंजेपन की समस्या बढ़ने लगती है।
गंजेपन की बढ़ती समस्या से बचने के लिए लोग तेजी से हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी की तरफ भाग रहे हैं ओए यह अब काफी आम भी है। हालांकि हाल ही दिनों में हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़े ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें लोगों की मौत हो गई है। इन मौतों की वजह से कई लोगों में हेयर ट्रांसप्लांट को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई है। इस आर्टिकल के ज़रिए हम जानेंगे कि हेयर ट्रांसप्लांट करवाना कितना सुरक्षित है...
क्या है हेयर ट्रांसप्लांट?
आपके सिर के गंजेपन क्षेत्र में अधिक बाल जोड़ने के लिए हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता है। यह सिर के मोटे हिस्सों या शरीर के अन्य हिस्सों से बाल लेकर और उन्हें सिर के पतले या गंजे हो रहे हिस्से पर लगाकर किया जाता है। हेयर ट्रांसप्लांट एक restoration method है। पहला ट्रांसप्लांट 1939 में जापान में किया गया था।
हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़े मिथ क्या हैं
हेयर ट्रांसप्लांट से कैंसर हो सकता है। साथ ही इससे आंखों को नुकसान भी पहुंचता है।
हेयर ट्रांसप्लांट बहुत दर्दनाक प्रक्रिया है।
हेयर ट्रांसप्लांट से बाल बहुत फेक लगते हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट लंबे समय तक नहीं टिकता।
सिर्फ पुरुष ही ट्रांसप्लांट करा सकते हैं, यह महिलाओं के लिए नहीं है।
यह बहुत महंगा होता है सिर्फ पैसे वाले लोग ही इसको करवा सकते हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट से जुड़ी सही बातें
हेयर ट्रांसप्लांट से कैंसर या आंखों की नुकसान नहीं होता है।
हेयर ट्रांसप्लांट अगर अच्छी जगह से कराया जाता है तो ये काफी लंबे समय तक टिका रहता है।
पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी हेयर ट्रांसप्लांट करा सकती हैं।
हेयर ट्रांसप्लांट के रिजल्ट तुरंत नहीं मिलते हैं, इसमें 10-12 महीने लग सकते हैं।
कोई भी हेयर ट्रांसप्लांट आपको आपके नेचुरल बाल जितनी डेंसिटी नहीं दे सकता है।