हृदय कैंसर के 6 लक्षण और 4 उपचार

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हृदय शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है और कैंसर एक गंभीर बीमारी। इस तरह से हृदय में कैंसर होना, अपने आप में बेहद गंभीर समस्या है, जिससे आपका जीवन निरंतर खतरे में है। इसे कार्डियक सरकोमा भी कहते हैं, जो हृदय के ऊतकों को प्रभावित करता ही है, शरीर के अन्य अंगों के लिए भी घातक होता है।

 
 
दरअसल हृदय कैंसर, शरीर के अन्‍य हिस्‍सों जैसे फड़ों, ब्रेस्‍ट, किडनी या लीवर से दिल में फैलता है। इस अंगों में अगर कैंसर कोशिकाएं प्रभावी हैं, तो ये कोशिकाएं हृदय को भी प्रभावित क हृदय कैंसर पैदा करती हैं। 

लक्षण - हृदय कैंसर होने की स्थ‍िति में कुछ लक्षण दिखाई दे सकत हैं या महसूस हो सकते हैं जैसे - सीने में दर्द, जकड़न, रक्त संचार का प्रभावित होना, थकान, सांस लेने में दिक्‍कत, दिल की धड़कन का अनियमित होना आदि। 
 
कैसे हो सकता है इलाज... अगले पेज पर 

1 इंजेक्शन और ड्रेनेज - प्राथमिक कार्डियक ट्यूमर होने पर दिल में इंजेक्‍शन के माध्‍यम से तरल पदार्थ डाला जाता है, जो दिल के पंप करने की गति को सामान्‍य करता है। यह इंजेक्‍शन दिल को सामान्‍य करने में मदद करता है। वहीं हृदय कैंसर प्राथमिक अवस्‍था में इंजेक्‍शन द्वारा कैंसर सेल्‍स को बढ़ने से रोका जा सकता है।

 
2  रेडिएशन थैरेपी - रे‍डि‍एशन थैरेपी यानि विकिरण थेरेपी। हृदय कैंसर में इस थैरेप का प्रयोग भी होता है, लेकिन लंबे समय तक रेडिएशन थेरेपी का इस्‍तेमाल नुकसानदेह हो सकता है, और कोरोनरी हार्ट डिसीज का खतरा बढ़ सकता है। इसके दुष्‍प्रभावों के बारे में शोध जारी है, अत: हार्ट कैंसर के उपचार के लिए विकिरण थैरेपी को एक सफल प्रयोग के रूप में नही देखा जा सकता है।

3 कीमोथैरपी - कीमोथैरेपी किसी भी प्रकार के कैंसर के उपचार के लिए प्रभावी उपचार के तौर पर प्रयोग होती है, लेकिन हृदय कैंसर के मामले में यह हमेशा सकारात्मक ही हो यह जरूरी नहीं है। कई बार मरीज बिल्कुल ठीक भी हो सकता है, और कीमोथैरेपी के बावजूद मरीज ठीक न हो, यह भी हो सकता है।

 
4 हृदय प्रत्यारोपण - हृदय प्रत्यारोपण यानि हार्ट ट्रांसप्‍लांट भी हृदय कैंसर का एक इलाज हो सकता है। यदि शरीर के अन्य अंग कैंसर के प्रभाव से सुरक्ष‍ित हों तो हृदय को प्रत्‍यारोपित कर इसकी रोकथाम की जा सकती है। हृदय कैंसर में  हृदय प्रत्‍यारोपण की प्रक्रिया मुश्किल और जोखिम भरी रहती है, क्‍योंकि इसमें प्रयुक्त होने वाली दवाओं से दोबारा कैंसर होने की संभावना बनी रहती है।
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