कोलेस्ट्रॉल बढ़ते ही बॉडी देती है खास संकेत, पढ़ें 6 जरूरी कदम

कोलेस्ट्रॉल का खतरा ऐसी मुसीबत बन चुका है कि युवा, अधेड़ उम्र के लोग और बुजुर्ग सभी को चौंकन्ना रहने की ज़रूरत है। ये ऐसा खतरा है कि आपको खबर भी नहीं होगी और अचानक से कुछ ऐसा हो जाएगा कि हालात संभालना बेहद कठिन काम होगा। जब मुसीबत इतनी बड़ी है तो क्यों ना इससे पहले ही दो चार हो लिया जाए। ऐसी स्थिति को आने से पहले ही रोक लिया जाए। 
 
कोलेस्ट्रॉल से बचने के लिए आपको स्टेप बाय स्टेप योजना बनानी होगी। कुछ छोटे छोटे कदम और आप पूरी तरह सुरक्षित। इस खतरे को खुद से कैसे दूर रखना है, आपको आज ही पता चलने वाला है। शुरूआत करते हैं इसकी जानकारी से क्योंकि जानकारी ही बचाव है। 
 
ALSO READ: रिफाइंड तेल, बिगाड़ न दे आपकी सेहत
 
पहला कदम : शरीर को है कोलेस्ट्रॉल की ज़रूरत 
 
खास जानने लायक बात यह है कि कोलेस्ट्रोल शरीर की ज़रूरत है। कोलेस्ट्रॉल एक केमिकल कंपाउंड होता है जिसकी जरूरत सेल के निर्माण और हॉर्मोंस के लिए होती है। इसके सिर्फ बढ़ जाने पर आपके शरीर को नुकसान होने लगता है। हार्ट डिज़िज़, हार्ट अटैक और पेरिफ्रेरल आर्टरी डिज़िज़ का खतरा आपको घेर लेता है।  
 
दूसरा कदम : कितने तरह का कोलेस्ट्रॉल 
 
कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है। लो डेंसिटी लिपोप्रोटींस (एलडीएल) या बैड कोलेस्ट्रॉल (हानिकारक कोलेस्ट्रॉल) आर्टरिज़ (खून के प्रवाह की नलियां) में जमा हो जाता है। इससे खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं। 
 
हाई-डेंसिटी लिपोप्रोटींस (एचडीएल) जिसे, अच्छा कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है, शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल को लिवर के पास ले जाने का काम करता है जिससे शरीर से इसका निष्कासन हो सके। 
 
तीसरा कदम : लिवर बनाता है कोलेस्ट्रॉल 
 
हमारा लिवर शरीर की ज़रूरत का लगभग 80 प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल का निर्माण कर लेता है। बचे हुए 20 प्रतिशत के लिए हम हमारी डाइट पर निर्भर करते हैं। मीट, अंडे, मछली, पोल्ट्री और डेयरी (दूध, दही, घी) ऐसे स्त्रोत हैं जिनसे कोलेस्ट्रॉल हमें प्राप्त होता है। पेड़ पौधों से मिलने वाले भोजन में किसी तरह का कोलेस्ट्रॉल नहीं होता। 


 
खून में मौजूद कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने का काम लिवर करता है। हर बार भोजन के बाद, कोलेस्ट्रॉल छोटी आंत द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है। जिसे लिवर स्टोर करके रख लेता है। जब भी शरीर को कोलेस्ट्रॉल की ज़रूरत होती है उसके अनुसार लिवर इसे उपयोग के लिए निकाल देता है। जब शरीर में ज़रूरत से अधिक कोलेस्ट्रॉल स्टोर हो जाता है यह खून ले जाने वाली नलियों के पास जमने लगता है जिससे ये छोटी होने लगती हैं।

ALSO READ: मुझे करना है कोलेस्ट्रॉल कम, कॉर्न में है वो दम, जानिए 10 बड़े लाभ
 
चौथा कदम : कब हो जाता है खतरनाक  
 
बहुत अधिक मात्रा में ऐसा भोजन लेने से जिसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक हो, शरीर में एलडीएल (बुरा कोलेस्ट्रॉल)  बढ़ने लगता है। इसे हाई कोलेस्ट्रॉल कहते हैं। अगर शरीर में एलडीएल बहुत अधिक है और एचडीएल बहुत कम तो खून की नलियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है। शरीर में खून का प्रवाह ठीक से नहीं होता। इससे हार्ट और दिमाग में समस्या पैदा हो जाती है। यह जानलेवा भी हो सकती है। 
 
पांचवा कदम : कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण  
 
हाई कोलेस्ट्रॉल के खुद के कोई लक्षण नहीं होते। अधिकतर केस में ये बीमारी के रूप में अचानक सामने आते हैं। यह हार्ट अटैक या स्ट्रोक के रूप में सामने आता है। आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ता रहता है। खून की नलियां छोटी होती रहती हैं और खून का प्रवाह ठीक से नहीं होता। 
 
छठवां कदम : कैसे रहे एकदम चौकन्ने   
 
खून की जांच से कोलेस्ट्रॉल का पता लगाया जा सकता है। सलाह दी जाती है कि 20 साल के होने के बाद हर 4 से 6 साल के बीच अपना खून टेस्ट करा लें। अगर आपके परिवार में हाई कोलेस्ट्रॉल की हिस्ट्री है तो आप जल्दी जल्दी कोलेस्ट्रॉल की जांच कराते रहें। हाई ब्लडप्रेशर, बढ़े हुए वजन और स्मोकिंग की स्थिति में भी कोलेस्ट्रॉल की जांच करना सही रहेगा।
 
 

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी