Is black urad dal good for diabetes: आज के समय में खराब खान-पान और बिगड़ी जीवनशैली की वजह से डायबिटीज एक बहुत कॉमन बीमारी हो गई है। डायबिटीज में पैंक्रियाज इंसुलिन का प्रोडक्शन बंद कर देता है और ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ने लगता है। डायबिटीज कंट्रोल ना किया जाए तो और भी कई तरह की बीमारियां आपको घेर सकती हैं।
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए दवाइयों के साथ खान-पान में भी बदलाव की जरूरत होती है। डाइट में कुछ खास खाने की चीजों को शामिल करने से भी हाई ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है, जिसमें से एक उड़द दाल भी है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए कैसे फायदेमंद है काली उड़द? काली उड़द का ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है लो
उड़द की दाल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि यह ब्लड स्ट्रीम्स में ग्लूकोस धीरे रिलीज करता है। जिन खाद्य पदार्थों में लो ग्लाइसेमिक होता है वह ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करता है।
फाइबर की प्रचुरता
उड़द की दाल में भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन को धीमा करता है ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
प्रोटीन का बढ़िया सोर्स
उड़द की दाल को प्लांट बेस्ड प्रोटीन का बढ़िया सोर्स माना गया है। उड़द की दाल का सेवन करने से मांसपेशियों और मेटाबॉलिक हेल्थ सही रहती है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
न्यूट्रिएंट्स का खज़ाना
उड़द की दाल में मैग्नीशियम, पोटेशियम और कई अन्य तरह के विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। मैग्नीशियम, विशेष रूप से इंसुलिन के रिलीज और कार्य में अहम रोल निभाता है। जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज
उड़द दाल में भरपूर एंटीऑक्सीडेंट्स पाई जाती है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कंट्रोल करने में मदद करती है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस, कम होने से डायबिटीज कंट्रोल करने में भी मदद मिल सकती है।
वजन कंट्रोल में मददगार
उड़द की दाल में हाई प्रोटीन और फाइबर की मात्रा भरपूर होने से यह वजन कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। वजन कंट्रोल करने से टाइप 2 की डायबिटीज का खतरा भी कम हो सकता है।
कैसे करें काली उड़द दाल का सेवन?
8 से 9 घंटे भीगी काली उड़द आसानी से डाइजेस्ट हो पाती है। काली उड़द दाल को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए इसे भिगोकर खाना चाहिए। उड़द दाल की खिचड़ी, स्वादिष्ट भी और पौष्टिक भी : डायबिटीज के मरीजों के लिए उड़द दाल की खिचड़ी बहुत फायेदमंद होती है। वैसे उड़द दाल खुद में ही काफी हैवी डाइट मानी जाती है। प्रोटीन और फाइबर से भरपूर ये खिचड़ी बनान के लिए कम से कम मिर्च-मसालों और तेल का इस्तेमाल करना चहिए। उड़द दाल की कढ़ी : काली उड़द दाल की कढ़ी बनाकर सेवन करना भी डायबिटीज में फायदेमंद हो सकता है। इसे बनाने के लिए उड़द दाल के साथ दही और अन्य मसालों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
उड़द दाल के पराठे : काली उड़द दाल का पराठा भी डायबिटीज़ के मरीजों के लिए एक अच्छा विकल्प है। उड़द दाल को उबालने के बाद इसमें मेथी के पत्ते और नमक-मिर्च डालकर स्टफिंग तैयार कर लें। ध्यान रहे कि पराठे में कम से कम तेल का इस्तेमाल किया जाए।
काली उड़द दाल काडोसा और इडली: काली उड़द दाल का इस्तेमाल ट्रेडिशनल साउथ इंडियन डिश डोसा और इडली बनाने के लिए भी किया जा सकता है। यह पाचन में आसान और स्वाद से भरपूर होती है।
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