जामुन का रस : गुण और स्वाद, रह जाए याद

जामुन का रस। सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है कि इतने से फल का क्या तो रस निकालना ऐसे ही खा लेना ज्यादा सुविधाजनक है, लेकिन ऐसा नहीं है जामुन का रस इन दिनों शहरों के ज्यूस सेंटर में अपनी खास जगह बना रहा है। यहां तक कि इसे पेश करने के नायाब तरीके से ही आप इस पर फिदा हो सकते हैं। ग्लास के चारों ओर काला नमक लगाकर इसे जामुन रसिकों को दिया जाता है । जहां यह उपलब्ध है वहां के मालिक बताते हैं कि यह स्वादिष्ट और गुणकारी इतना है कि हर रस को इसने नीरस कर दिया है। इसके असरकारी फायदों ने जामुन के रस प्रेमियों की संख्या में वृद्धि की है। आइए जानें इसके लाभ : 

मुंह में छाले होने पर जामुन का रस लगाएं। 
 
वमन होने पर जामुन का रस सेवन करें। 
 
भूख न लगती हो तो कुछ दिनों तक जामुन रस का सेवन करें और आश्चर्यजनक रूप से फायदा देखें। 

जामुन का रस तिल्ली के रोग में हितकारी है।  
 
कब्ज और उदर रोग में जामुन का सिरका उपयोग करें। इसके फायदे आप खुद अनुभव करेंगे। 

जामुन का रस स्वाद में खट्टा-मीठा होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें उत्तम किस्म का तांबा  पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
 
विषैले जंतुओं के काटने पर जामुन के रस के साथ जामुन की पत्तियों का रस भी पिलाना चाहिए। 
 
* जामुन यकृत को शक्ति प्रदान करता है और मूत्राशय में आई असामान्यता को सामान्य बनाने में सहायक होता है। 

* जामुन का रस, शहद, आंवले या गुलाब के फूल का रस बराबर मात्रा में मिलाकर एक-दो माह तक प्रतिदिन सुबह के वक्त सेवन करने से रक्त की कमी एवं शारीरिक दुर्बलता दूर होती है। यौन तथा स्मरण शक्ति भी बढ़ जाती है। 

* जामुन के एक किलोग्राम ताजे फलों का रस निकालकर ढाई किलोग्राम चीनी मिलाकर शरबत जैसी चाशनी बना लें। इसे एक ढक्कनदार साफ बोतल में भरकर रख लें। जब कभी उल्टी-दस्त या हैजा जैसी बीमारी की शिकायत हो, तब दो चम्मच शरबत और एक चम्मच अमृतधारा मिलाकर पिलाने से तुरंत राहत मिल जाती है। 
 
* जामुन और आम का रस बराबर मात्रा में मिलाकर पीने से मधुमेह के रोगियों को लाभ होता है। 
 
जामुन का रस यह त्वचा का रंग बनाने वाली रंजक द्रव्य मेलानिन कोशिका को सक्रिय करता है, अतः यह रक्तहीनता तथा ल्यूकोडर्मा की उत्तम औषधि है। 

जामुन ज्यूस बनाने की विधि

 
 सामग्री : 
500 ग्राम पके काले जामुन, 600 ग्राम शक्कर, 1/2 चम्मच कालीमिर्च पावडर, 1/2 चम्मच काला नमक, 1/2 चम्मच भुना जीरा पावडर, 1 चम्मच साइट्रिक एसिड, पानी 1 लीटर। 
 
विधि : 
सबसे पहले जामुन को धोकर पानी में तब तक उबालें जब तक कि उनका छिलका न उतर जाए। 
 
अब ठंडे होने पर हाथ से मसलकर गूदे को भली-भांति निकालें और शक्कर मिलाएं। जूस को छलनी से छानें और साइट्रिक एसिड मिलाकर बोतलों में भरें। सर्व करने से पहले ठंडे पानी में मिलाएं, ऊपर से आइस क्यूब डालें और जामुन का खट्टा-मीठा शरबत पेश करें। 
 
विशेष : इतना ध्यान रहे कि अधिक मात्रा में जामुन रस लेने से शरीर में जकड़न की संभावना रहती है। इसे कभी खाली पेट नहीं लेना चाहिए और न ही इसके बाद दूध पीना चाहिए।

 

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