भारत में आम एक प्रचलित और स्वादिष्ट फल है। देश के सभी स्थानों में इसकी उत्पत्ति होती है। छोटे से छोटे और बड़े से बड़े बगीचों में इसके वृक्ष लगाए जाते हैं।
सड़कों के दोनों ओर आम के वृक्ष एक अपूर्व शोभा देते हैं। आम के पेड़ के प्रायः समस्त अंग काम में आते हैं। औषधि प्रयोग में विशेषकर इसकी गुठली ली जाती है।
आम का कच्चा फल स्वाद में खट्टा और पका फल मीठा होता है। यह रूधिर विकार दूर करने वाला तथा फोड़े-फुंसियों का नाश करने वाला हैं।
अगले पेज पर : प्रसन्न रहना है तो आमपाक खाएं
* आमपाक : दो किलो कच्चे आमों को छीलकर कतर लें। फिर दो लीटर पानी में पकाएं। जब आधा पानी रह जाए तब ठंडा कर धो लें। फलालेन के कपड़े में रस टपका लें। फिर इस अर्क के समान शकर मिला पक्की चाशनी कर लें। इसे खाने से मन प्रसन्न रहता है। इसे अंगरेजी में 'मैंगो जैली' कहते हैं।
अगले पेज पर : गुणकारी है आम के साथ दूध
* दुग्ध के साथ आम : इसका सेवन अत्यंत लाभदायक है। यह स्वादिष्ट और रुचिवर्धक होने के साथ-साथ वातपित्त कफनाशक, बलवर्धक, पौष्टिक और रंग को निखारने वाला है।
अगले पेज पर : आम के आम गुठलियों के दाम
* आम की गुठली : आम की गुठली के गूदे में बहुत से पौषक तत्व सम्मिलित हैं। आयुर्वेद शास्त्र में इसका खूब उपयोग किया गया है।
अगले पेज पर : जब गले के रोग सताए
* गले के रोग : आम के पत्तों को जलाकर गले के अंदर धूनी देने से गले के अनेक रोग दूर होते हैं। जी मिचलाना, पेट की जलन : आम की मिंगी के 5 ग्राम चूर्ण को दही के साथ मिलाकर सेवन करने से जी मिचलाना और पेट की जलन दूर होती है।
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अगले पेज पर : जब बिच्छु काटे तो काम आए आम
* बिच्छू, ततैया, मकड़ी का विष : अमचूर को पानी में पीसकर विषैले स्थान पर लगाएं। इससे विष और फफोले में शीघ्र आराम होता है।