गर्भावस्था में हानिकारक है मोबाइल का प्रयोग

मोबाइल फोन अपने इलेक्ट्रो मेग्नेटिक विकिरणों के कारण सभी के लिए बेहद हनिकारक साबित हो रहे हैं, लेकिन महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों पर इसके परिणाम अत्यधि‍क नुकसानदायक दिखाई देते हैं। इसका प्रमुख कारण प्रतिरोधक क्षमता की कमी और अति संवेदनशीलता को माना जा सकता है। वहीं गर्भावस्था में महिलाओं द्वारा मोबाइल फोन का अधि‍क प्रयोग होने वाले बच्चे पर विपरीत असर डालता है

मोबाइल रेडिएशन के प्रभाव पर किए गए अध्ययनों में यह बात सामने आई है, कि महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य पिछले कुछ सालों में तेजी से प्रभावित हुआ है। इनमें मानसिक समस्याएं, सिरदर्द, सिर में झनझनाहट, लगातार थकान, डिप्रेशन, अनिंद्रा, चक्कर आने जैसी समस्याएं बढ़ी है जो पोषण की कमी के अलावा मोबाइल के अत्यधि‍क इस्तेमाल के कारण हो सकती हैं। वहीं गर्भावस्था के दौरान मोबाइल का प्रयोग या इसके दुष्प्रभावों का असर महिलाओं के साथ-साथ शि‍शु के मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है। 
 
दरअसल मोबाइल फोन के दुष्प्रभाव के तौर पर दिखाई देने वाले लक्षण आगे चलकर गंभीर मानसिक बीमारी, कान बजना, जोड़ों में दर्द, याददाश्त में कमी और सेहत संबंधी अनेक समस्याओं को जन्म दे सकती हैं। इसके अलावा मोबाइल यह माइग्रेन और ब्रेन ट्येमर जैसी बीमारियों की संभावना को कई गुना तक बढ़ा सकता है। 
 
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं द्वारा मोबाइल फोन का प्रयोग गर्भस्थ शि‍शु के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है। जन्म से पहले शि‍शु पर नकारात्मक प्रभाव उसकी दिमागी क्षमता को प्रभावित करने के साथ-साथ स्वभावगत परेशानियां भी पैदा कर सकता है। यह दुष्प्रभाव धूम्रपान या अल्कोहल के परिणामस्वरूप होने वाले नुकसान के बराबर हैं।
 
मोबाइल फोन से सेहत को होने वाले नुकसान को लेकर किए गए कई अध्ययनों में इस बात की पुष्टि‍ की गई, कि इससे निकलने वाले विकिरण आपको कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का शि‍कार बनाने के साथ-साथ रक्तचाप और हृदय रोग का मरीज भी बना सकता है। इसका कारण है कि यह बीमारियां एक दूसरे से जुड़ी हैं और एक दूसरे को प्रेरित करती हैं।

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