Overthinking Solution : आज के समय में अधिकतर लोग अपनी लाइफ में स्ट्रेस फील करते हैं। बढ़ते स्ट्रेस के कारण से लोगों में मेंटल हेल्थ की समस्या काफी बढ़ने लगी है। न सिर्फ स्ट्रेस बल्कि खराब लाइफस्टाइल, रिलेशनशिप और गलत खान-पान के कारण भी मेंटल हेल्थ बहुत प्रभावित होने लगी है। साथ ही आज के समय में लोग ओवरथिंकिंग का भी शिकार होने लगे हैं।
ओवरथिंकिग यानी बहुत अधिक किसी बारे में सोचना और लगातार उस विषय के बारे में दिमाग में विचार आना। कई लोगों को ओवरथिंकिंग के कारण एंग्जायटी और स्ट्रेस जैसी समस्या भी होने लगती है। ऐसे में ज़रूरी है कि आप अपनी ओवरथिंकिंग को जल्द कंट्रोल करें। आइए जानते हैं कि कैसे आप ओवरथिंकिंग को कम कर सकते हैं (how to overcome overthinking)...
2. नेगेटिव थॉट को नोट करें : कई बार हम अपने विचारों को प्रकट करने में असक्षम होते हैं या अपनी बात को कह नहीं पाते हैं। साथ ही हमें लगता है कि हमारी बात कोई समझ नहीं पाएगा। ऐसे में ज़रूरी है कि आप अपने नेगेटिव थॉट को एक डायरी में नोट करें। फिर इन विचारों को पढ़ें और समझने की कोशिश करें। ऐसा करने से आपको काफी रिलीफ मिलेगा और स्ट्रेस लेवल कम होगा।
4. दुसरे कामों में ध्यान लगाएं : कहते हैं न कि खाली दिमाग शैतान का घर होता है। ठीक वैसे ही जब आप फ्री होते हैं या आपके पास कोई काम नहीं होता है तो ओवरथिंकिंग की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में खाली समय में आपके दिमाग में नेगेटिव विचार आते हैं और आप एक ही विषय में बहुत अधिक सोचने लग जाते हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि आप अपना ध्यान किसी ओर काम में लगाएं।
5. ट्रिगर पॉइंट पहचानें : ट्रिगर पॉइंट यानी ऐसी बातें हैं जो आपकी ओवरथिंकिंग को बढ़ा देती हैं। आप अपने ट्रिगर पॉइंट को जानें। आपको किस बात का जल्दी बुरा लगता है? आप किस बात से इनसिक्योर हो जाते हैं? साथ ही ऐसी आपको सबसे ज्यादा स्ट्रेस किस बात या काम के कारण होता है? इन बातों को जानना ज़रूरी है क्योंकि अगर आपको समस्या नहीं पता होगी तो आप हल भी नहीं निकाल पाएंगे।