फैटी लिवर और डायबिटीज जैसी बीमारियों को छूमंतर करने के लिए असरदार है प्लांट बेस्ड डाइट, जानिए फायदे

WD Feature Desk

मंगलवार, 6 मई 2025 (16:52 IST)
plant based diet benefits in hindi: आजकल भारत में फैटी लिवर और डायबिटीज जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, खासकर यूथ में। इसका सबसे बड़ा कारण है हमारी बदलती हुई लाइफस्टाइल और खानपान की आदतें। जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और एनिमल प्रोडक्ट्स का ज़्यादा इस्तेमाल हमारी सेहत के लिए खतरा बन गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक सिंपल सा बदलाव, यानी प्लांट-बेस्ड डाइट को अपनाकर हम इन बीमारियों से बच सकते हैं और एक हेल्दी लाइफ जी सकते हैं? यह कोई मुश्किल काम नहीं है, बल्कि यह एक टेस्टी और मज़ेदार तरीका है अपनी सेहत को बेहतर बनाने का। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे प्लांट-बेस्ड डाइट भारतीय लोगों के लिए फैटी लिवर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से लड़ने में हेल्पफुल हो सकती है।
 
क्या होती है प्लांट-बेस्ड डाइट?
प्लांट-बेस्ड डाइट का मतलब है ऐसी डाइट जिसमें ज्यादातर फूड प्रोडक्ट्स प्लांट्स से आते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको नॉन-वेज खाना बिल्कुल छोड़ना पड़ेगा, लेकिन आपकी डाइट का मेन पार्ट फल, सब्जियां, अनाज, दालें, नट्स और सीड्स होने चाहिए। यह एक फ्लेक्सिबल अप्रोच है जिसमें आप अपनी पसंद और सेहत के हिसाब से बदलाव कर सकते हैं। बहुत से लोग इसे वीगन डाइट समझ लेते हैं, लेकिन प्लांट-बेस्ड डाइट उससे थोड़ी अलग है। इसमें कभी-कभार थोड़ी मात्रा में एनिमल प्रोडक्ट्स भी शामिल किए जा सकते हैं, लेकिन फोकस हमेशा प्लांट-बेस्ड फूड्स पर ही रहता है।
 
फैटी लिवर: एक साइलेंट किलर
फैटी लिवर एक ऐसी कंडीशन है जिसमें लिवर में बहुत ज़्यादा फैट जमा हो जाता है। इसके शुरुआती स्टेज में ज़्यादा लक्षण नहीं दिखते, इसलिए इसे "साइलेंट किलर" भी कहा जाता है। अगर इसे समय पर कंट्रोल न किया जाए तो यह लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। इंडिया में बहुत से लोग इस बीमारी से अनजान हैं और गलत खानपान की वजह से इसकी चपेट में आ रहे हैं।
 
प्लांट-बेस्ड डाइट फैटी लिवर से लड़ने में कई तरह से मदद करती है:
1. कम सैचुरेटेड फैट: एनिमल प्रोडक्ट्स में सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज़्यादा होती है, जो लिवर में फैट जमा करने में मदद करता है। प्लांट-बेस्ड डाइट में सैचुरेटेड फैट कम होता है, जिससे लिवर पर कम बोझ पड़ता है।   
 
2. हाई फाइबर: फल, सब्जियां और अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं। फाइबर लिवर से फैट को हटाने में मदद करता है और डाइजेशन को भी बेहतर बनाता है।
 
3. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर: प्लांट-बेस्ड फूड्स में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स लिवर को डैमेज होने से बचाते हैं और उसकी फंक्शनिंग को बेहतर बनाते हैं।
 
4. वजन कंट्रोल: प्लांट-बेस्ड डाइट में कैलोरी कम होती है और फाइबर ज़्यादा होता है, जिससे वज़न कंट्रोल करने में आसानी होती है। मोटापा फैटी लिवर का एक बड़ा कारण है, इसलिए वजन कम करके इस बीमारी से बचा जा सकता है।
 
डायबिटीज: इंडिया में एक बड़ी चुनौती
डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है जिसमें ब्लड शुगर का लेवल बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है। इंडिया में डायबिटीज के मरीज़ों की संख्या बहुत तेज़ी से बढ़ रही है, और यह अब युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रहा है। डायबिटीज किडनी, आँखें, नर्वस सिस्टम और हार्ट को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है।
 
 
प्लांट-बेस्ड डाइट डायबिटीज को कंट्रोल करने में कैसे कारगर?
1. ब्लड शुगर कंट्रोल: प्लांट-बेस्ड फूड्स में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है, जिसका मतलब है कि ये ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल अचानक से नहीं बढ़ता और उसे कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है।
 
2. इंसुलिन सेंसिटिविटी: कुछ स्टडीज में पाया गया है कि प्लांट-बेस्ड डाइट इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बना सकती है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर को सेल्स में ले जाने में मदद करता है। इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।   
 
3. वजन मैनेजमेंट: जैसा कि हमने पहले बताया, प्लांट-बेस्ड डाइट वज़न कंट्रोल करने में हेल्पफुल होती है। मोटापा टाइप 2 डायबिटीज का एक बड़ा रिस्क फैक्टर है, इसलिए वज़न कम करके डायबिटीज के खतरे को कम किया जा सकता है।
 
4. फाइबर का रोल: फाइबर ब्लड शुगर के अब्जॉर्प्शन को स्लो करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है। प्लांट-बेस्ड डाइट फाइबर का एक बेहतरीन सोर्स है।
 
इंडियन डाइट को कैसे बनाएं प्लांट-बेस्ड?
इंडियन डाइट को प्लांट-बेस्ड बनाना उतना मुश्किल नहीं है जितना लगता है। हमारी ट्रेडिशनल इंडियन कुकिंग में पहले से ही बहुत सारे स्वादिष्ट और हेल्दी प्लांट-बेस्ड ऑप्शंस मौजूद हैं। बस हमें थोड़ा सा ध्यान देने और कुछ बदलाव करने की जरूरत है:
 
1. दालें और फलियां: अपनी डाइट में अलग-अलग तरह की दालें (जैसे मूंग दाल, मसूर दाल, चना दाल) और फलियां (जैसे राजमा, छोले) शामिल करें। ये प्रोटीन और फाइबर का अच्छा सोर्स हैं।
 
2. सब्जियां: हरी पत्तेदार सब्जियां, मौसमी सब्जियां और रंगीन सब्जियां खूब खाएं। इन्हें करी, सब्जी या सलाद के रूप में अपनी डाइट में शामिल करें।
 
3. अनाज: साबुत अनाज जैसे गेहूं, बाजरा, ज्वार और ब्राउन राइस को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। ये फाइबर और एनर्जी के अच्छे सोर्स हैं।
 
4. फल: ताज़े फल जैसे सेब, केला, संतरा, पपीता और बेरीज को अपनी डाइट में शामिल करें। ये विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं।
 
5. नट्स और सीड्स: बादाम, अखरोट, काजू, चिया सीड्स और फ्लेक्स सीड्स जैसे नट्स और सीड्स हेल्दी फैट्स, प्रोटीन और फाइबर के अच्छे सोर्स हैं। इन्हें स्नैक्स के तौर पर या अपनी डिशेज में डालकर खाएं।   
 
6. तेल: खाना बनाने के लिए हेल्दी ऑयल जैसे सरसों का तेल, जैतून का तेल या मूंगफली का तेल इस्तेमाल करें। 


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