कोविड-19 की दूसरी लहर का प्रक्रोप भयावह रहा। दूसरी लहर के दौरान चपेट में आए मरीज इस बीमारी से जल्दी रिकवर भी हो रहे हैं, लेकिन बीमारी के साइड इफेक्ट ने लोगों का शरीर बुरी तरह से तोड़ दिया है। कोविड से ठीक होने के बाद में लोगों में कई तरह के साइड इफेक्ट तेजी से उभर कर आ रहे हैं। जिस वजह से कोविड मरीजों को और अधिक सावधानी रखने की जरूरत है। एक्सपर्ट के मुताबिक कोविड मरीज करीब 3 से 6 महीने में रिकवर हो रहे हैं लेकिन मरीज की इम्यूनिटी पर भी निर्भर करता है। कोविड से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड केयर करना जरूरी है।
इन दिनों कोविड से ठीक हो रहे मरीजों में टीबी यानी ट्युबरकुलोसिस बीमारी सामने आ रही है। ऐसे में किस तरह मरीजों को ध्यान रखना जरूरी है। किन लक्षणों से मरीज टीबी की पहचान करें। इस बारे में वेबदुनिया ने चेस्ट फिजिशियन डॉ. सूरज वर्मा सीएचएल इंदौर से चर्चा की। आइए जानते हैं कैसे कोविड-19 और टीबी के इंफेक्शन में अंतर करें और कोविड के बाद टीबी होने पर क्या करें -
- कोविड के बाद बढ़ रहे टीबी के मरीज क्या है कारण?
दरअसल, कोविड के बाद जो टीबी के केस बढ़ रहे हैं उसके पीछे कारण है पहला शुगर लेवल का अधिक बढ़ना, अलग-अलग टाइप की शुगर होना। दूसरा कारण है स्टेरॉयड। इसके इस्तेमाल से मरीज ठीक जरूर हो गए है, लेकिन साइड इफेक्ट खतरनाक साबित हो रहे हैं। टीबी का इफेक्ट तब होता आपकी इम्युनिटी पूरी तरह से कमजोर हो जाती है। तीन मुख्य कारण है
कमजोरी
स्टेरॉयड
शुगर की मात्रा कम ज्यादा होना
- कोविड -19 से ठीक होने के बाद टीबी होने पर इन बातों का रखें ध्यान?
कोविड -19 से ठीक होने के बाद इस बात का ध्यान रखें कि आपको लगातार खांसी तो नहीं हो रही। 1 महीने बाद तक भी आपकी खांसी लगातार जारी रहती है तो अपने डॉक्टर से जरूर फॉलोअप लें। डॉ की सलाह से चेस्ट एक्स रे कराएं। साथ ही आपका वजन नहीं बढ़ रहा है, खांसी बनी हुई है कफ लगातार बना हुआ है। तो आपको ध्यान देना जरूरी है।आपको लगातार बुखार बना हुआ है। कफ लगातार बन हरा हे। पहले से भी अधिक कफ जम गया हो तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
- क्या टीबी और कोविड-19 के लक्षण समान है?
अगर आपको कोविड हुआ है तो वह आरटीपीसीआर से पता चल जाएगा। लेकिन आप जानते है आपको कोविड हो चुका है। लेकिन अभी तक जितने भी कोविड के मरीज देखे हैं वह 3 से 6 महीने में अच्छा रिस्पॉन्स दे रहे हैं। खांसी ठीक हो जाती है चलने में किसी तरह की परेशानी नहीं होती है, वजन बढ़ने लग गया है। लेकिन आपको 1 महीने बाद भी खांसी लगातार बनी हुई है, वजन नहीं बढ़ रहा है, भूख नहीं लग रही है, कमजोरी लगातार लग रही है तो तुरंत चेकअप कराएं।
कोविड से जंग के बाद लोगों में टीबी की तादाद कुछ क्षेत्र जैसे कर्नाटक क्षेत्रों में बढ़ रही है। वहीं मोदी सरकार द्वारा भी 2025 तक टीबी को खत्म करने की योजना पर काम जारी है। सूत्रों के मुताबिक साल 2018 में टीबी के 21 लाख 55 हजार मरीज थे। 2019 में मरीजों की संख्या 24 लाख 4हजार पर पहुंच गई। वहीं 2020 में आंकड़ा 18 लाख 5 हजार पर पहुंच गया। वहीं देखा जाएं तो कोविड के बाद गंभीर बीमारियां जकड़ रही है लेकिन समय से इलाज मिलने पर मरीज रिकवर भी हो रहे हैं। वहीं तीसरी लहर की संभावना भी कम जताई जा रही है।