गलत तरीके से बनी छाछ फायदे की जगह पहुंचा देगी नुकसान, जानें सही तरीका

WD Feature Desk
Proper Way To Make Buttermilk
  • दही में पानी डालकर छाछ बनाना गलत है।
  • इसे बनाने के लिए एक विशेष प्रक्रिया होती है।
  • छाछ बनाने के लिए दही को मथा जाता है।
Proper Way To Make Buttermilk : आयुर्वेद में छाछ के बहुत सारे लाभों का जिक्र किया गया है। खासकर गर्मियों में, लोग छाछ को सबसे पसंदीदा पेय मानते हैं। इसका स्वाद बहुत अच्छा होता है और यह सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। लेकिन कभी-कभी, छाछ पीने के बावजूद भी अगर आपकी पाचन क्रिया में सुधार नहीं होती है, तो इसका कारण गलत तरीके से बनाई गई छाछ हो सकता है। आयुर्वेद विशेषज्ञों ने बताया है कि छाछ क्या होता है। ALSO READ: घी या तेल, सेहत के लिए क्या है सबसे अच्छा
 
क्या आप भी ऐसे बनाते हैं छाछ?
बहुत से लोग अपने घर में छाछ तैयार करने के लिए दही में पानी मिलाते हैं, उसे पतला करते हैं, फेंटते हैं, नमक और भुनी हुई जीरा डालकर पीते हैं। लेकिन ऐसे बनाया गया पेय असली छाछ नहीं होता। यह सिर्फ दही का पानी होता है जो किसी भी तरह से सेहत के लिए फायदेमंद नहीं है। छाछ तैयार करने के लिए एक विशेष प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है, जो आपको जानना चाहिए।
 
छाछ बनाने का सही तरीका जानें
छाछ बनाने के लिए दही को मथा जाता है और उसमें से मक्खन अलग किया जाता है। मक्खन निकालने की प्रक्रिया में जो पानी निकलता है, वह छाछ होता है। यह पीने से सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
 
छाछ पीने के फायदे जानें
1. पाचन को सुधारना : छाछ में प्रोबायोटिक्स होते हैं जैसे कि लैक्टोबैसिलस और बिफिडोबैक्टीरिया, जो पाचन को सुधारने में मदद करते हैं। ये अच्छी तरह से आपके अंतःस्थल में अच्छे बैक्टीरिया की संतुलन को बनाए रखते हैं, जो खाना पचाने में मदद करते हैं और एसिडिटी को कम करते हैं।
2. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखना : प्रोबायोटिक्स छाछ में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। ये हमें बीमारियों से लड़ने की क्षमता में सुधार करते हैं और विभिन्न संक्रामक बीमारियों से हमें बचाव करते हैं।
 
3. वजन को नियंत्रित करना : छाछ पीने से वजन को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह गाय के दूध से बनाई जाती है और कम फैट और कैलोरी में होती है, जो आपको वजन घटाने में मदद कर सकती है।
 
4. उच्च रक्तचाप को कम करना : छाछ में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकती है। उच्च रक्तचाप के मरीजों के लिए छाछ एक उपयुक्त विकल्प हो सकता है।
 
5. अस्थमा को नियंत्रित करना : कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि छाछ पीने से अस्थमा के लक्षणों को कम किया जा सकता है। यह दमा के लक्षणों को कम करने और दमा की ज्यादा जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है।
 
6. डायबिटीज को नियंत्रित करना : छाछ में विटामिन डी की भरपूर मात्रा होती है, जो इन्सुलिन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है और डायबिटीज के खतरे को कम कर सकती है।
 
7. हड्डियों को मजबूत बनाना : छाछ में कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकती है। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की समस्याओं से बचाव कर सकता है।
 
8. स्ट्रेस फ्री : छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक्स मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधार सकते हैं। इन्हें लेने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
 
9. त्वचा को स्वस्थ रखना : छाछ में विटामिन ई की मात्रा होती है, जो त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होता है। यह त्वचा को मुलायम, चमकदार और स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता है।
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