सुहानी फुहारों का दौर शुरू हो गया है लेकिन गर्मी के तेवर भी अभी कम नहीं हुए हैं। गर्मी व बारिश का यह मिला-जुला मौसम सेहत के लिहाज से बहुत ही संवेदनशील मौसम है। बार-बार प्यास लगने पर व्यक्ति जहां कुछ भी ठंडा पी लेता है, वहीं इस मौसम में खाद्य पदार्थों को भी खराब होते समय नहीं लगता। फूड पॉइजनिंग का खतरा हमेशा बना रहता है।
ऐसे में अपनी सेहत के प्रति पूरी सावधानी रखनी चाहिए। फूड पॉइजनिंग का सबसे बड़ा लक्षण यह है कि अगर खाना खाने के एक घंटे से 6 घंटे के बीच उल्टियां शुरू हो जाती हैं, तो मान लेना चाहिए कि व्यक्ति को फूड पॉइजनिंग की शिकायत है। इसे तुरंत काबू में करने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
यह मुख्यतः बैक्टीरिया युक्त भोजन करने से होता है। इससे बचाव के लिए कोशिश यही होना चाहिए कि घर में साफ-सफाई से बना हुआ ताजा भोजन ही किया जाए। अगर बाहर का खाना खा रहे हैं तो ध्यान रखें कि खुले में रखे हुए खाद्य पदार्थों तथा एकदम ठंडे और असुरक्षित भोजन का सेवन न करें।
इन दिनों ब्रेड, पाव आदि में जल्दी फंफूद लग जाती है इसलिए इन्हें खरीदते समय या खाते समय इनकी निर्माण तिथि को जरूर देख लें। घर के किचन में भी साफ-सफाई रखें। गंदे बर्तनों का उपयोग न करें। कम एसिड वाला भोजन करें।
निम्न कारणों से फूड पॉइजनिंग का खतरा अधिक होता है...
1 गंदे बर्तनों में खाना खाने से।
2. बासी और फफूंदयुक्त खाना खाने से।
3. अधपका भोजन खाने से बचें।
4. मांसाहार ना करें।
5. फ्रिज में काफी समय तक रखे गए खाद्य पदार्थों के उपयोग से बचें।