कोरोना वायरस बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए खतरनाक बीमारी का रूप लेकर सामने आया। इसका प्रभाव लाखों की तादाद में कई जिंदगियों पर पड़ा है। लेकिन इन दिनों सिर्फ इस वायरस से लड़ने के मात्र दो ही उपाय है। पहला वैक्सीनेशन और दूसरा कोविड नियम। फिर आपको वैक्सीन के दोनों डोज लग जाए या सिंगल डोज लगा हो। लेकिन नियमों का पालन जरूर करना है। अब वैक्सीन 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए भी आ गई। लेकिन इस बीच गर्भवती महिलाओं के लिए कोविड बहुत बड़ी परेशानी बनकर उभरा। जिसे लेकर अभी भी कई रिसर्च जारी है। हालांकि गर्भवती महिलाओं के मन में वैक्सीनेशन को लेकर साइड इफेक्ट्स का डर भी है। हाल में इस पर एक छोटा सा अध्ययन किया गया है। जिसमें पाया गया कि मां के दूध में कोविड के टीकों का कोई अंश नहीं मिला है। मॉर्डर्ना और फाइजर के टीके लगवा चुकी महिलाओं पर अध्ययन किया गया है।
टीका लगाने के बाद स्तनपान कर सकती है महिलाएं - शोध
हाल ही में जेएएमए पीडीऐटि्रक्स में एक अध्ययन में परिणाम आए है कि फीडिंग कराने वाली महिलाएं वैक्सीनेशन के बाद स्तनपान करा सकते हैं। अभी तक वैक्सीनेशन के बाद फीडिंग कराने को लेकर चिंता की जा रही थी। साथ ही अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सैन फ्रांसिस्को ने रिसर्च में फाइजर और मॉडर्ना के एमआरएनए आधारित वैक्सीनेशन के बाद सिर्फ 7 महिलाओं के दूध का विश्लेषण किया गया। फिलहाल इस छोटे से शोध में किसी प्रकार के टीके की खुराक नहीं मिली है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की सिफारिश
समूचे विश्व में कोविड-19 नियमों पर लगातार अपडेट देने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गर्भवती महिलाओं को लेकर सिफारिश की है। डब्ल्यूएचओ ने स्तनपान कराने वाली महिलाओं से वैक्सीनेशन की सिफारिश की है। साथ ही एकेडमी ऑफ ब्रेस्टफीडिंग मेडिसिन के अनुसार दूध में टीके के अंश या कण पहुंचने की संभावना बहुत कम होती है।