हाल ही में रिलीज हुई मोहित सूरी की फिल्म 'सैयारा' इन दिनों युवाओं के बीच जबरदस्त चर्चा में है। एक हफ्ते में ही फिल्म ने करीब 170 करोड़ का कलेक्शन कर लिया है। आहान पांडे और अनीत पड्डा की एक्टिंग को दर्शकों से काफी सराहना मिल रही है। सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं वायरल हो रही हैं, कहीं आंखों में आंसू हैं तो कहीं थिएटर में रोमांच। फिल्म की कहानी तब मोड़ लेती है जब वाणी का किरदार रोजमर्रा की चीजें भूलने लगता है। मेडिकल जांच के बाद पता चलता है कि 22 साल की उम्र में ही उसे अल्जाइमर की शुरुआत हो चुकी है। यही ट्रैक दर्शकों को गहराई से झकझोर देता है और फिल्म को इमोशनल बना देता है।
क्या आपको भी कभी-कभी ऐसा लगता है कि आपने चाबी कहां रखी, ये याद नहीं? या किसी नाम को बार-बार भूल जाते हैं? कॉलेज प्रोजेक्ट्स, ऑफिस मीटिंग या पर्सनल काम, कई बार चीजें आपकी आंखों के सामने होती हैं लेकिन दिमाग उन्हें पहचानने में देर करता है। अगर आप सोचते हैं कि ये सिर्फ थकान या स्ट्रेस की वजह से हो रहा है, तो ज़रा ठहरिए! हो सकता है ये भूलने की मामूली आदत न होकर किसी गंभीर न्यूरोलॉजिकल समस्या का शुरुआती संकेत हो, जैसे अल्जाइमर।
1. बार-बार चीजें भूल जाना
अगर आपको बार-बार मोबाइल, चश्मा, चाबियां या वॉलेट जैसी रोज़ की चीज़ों को ढूंढ़ना पड़ता है, तो इसे हल्के में न लें। भूलने की ये आदत अगर नियमित हो गई है और आपकी दिनचर्या को प्रभावित कर रही है, तो यह कॉग्निटिव डिक्लाइन (स्मृति ह्रास) की पहली सीढ़ी हो सकती है। यंगस्टर्स में यह समस्या अक्सर नींद की कमी, फोकस की गिरावट या स्मार्टफोन ओवरलोड के कारण होती है, लेकिन लगातार ऐसा होना माइल्ड कॉग्निटिव इंपेयरमेंट (MCI) की ओर इशारा करता है, जो भविष्य में अल्जाइमर में बदल सकता है।
2. बातचीत के दौरान शब्दों को भूल जाना
अगर आप बात करते-करते किसी शब्द को याद करने में अटक जाते हैं या बार-बार वो क्या कहते हैं जैसे वाक्य बोलते हैं, तो यह सिर्फ शर्मिंदगी नहीं, चेतावनी भी है। अल्जाइमर के शुरुआती लक्षणों में लैंग्वेज डिसऑर्डर भी आता है जिसमें व्यक्ति को सामान्य शब्दों को याद करने में परेशानी होती है। 20 की उम्र में ऐसा दिखना चिंताजनक हो सकता है, खासकर अगर यह अक्सर हो और आपकी संवाद क्षमता को प्रभावित करे।
3. एक ही सवाल को बार-बार पूछना
क्या आपने किसी दोस्त या परिवार के सदस्य से एक ही बात बार-बार पूछी है, और जब वो बोले कि "तुमने तो अभी पूछा था," तब आपको हैरानी हुई? ये छोटी-सी आदत किसी तरह की मासूमियत नहीं, बल्कि दिमाग के वर्किंग मेमोरी सेक्शन में गड़बड़ी का संकेत हो सकती है। अल्जाइमर में यह लक्षण बहुत शुरुआती स्तर पर दिखता है और समय के साथ बढ़ता जाता है।
4. फैसले लेने में परेशानी
आपके सामने एक सिंपल फैसला होता है, कौन सा खाना ऑर्डर करना है, कौन सी ड्रेस पहननी है, या किस प्रोजेक्ट पर पहले काम करना है, लेकिन फिर भी आप कन्फ्यूजन में पड़ जाते हैं। 20 से 25 की उम्र में ऐसा होना सामान्य नहीं माना जाता। अगर यह स्थिति लगातार बनी रहती है और डिसीजन मेकिंग प्रोसेस में रुकावट आती है, तो यह ब्रेन के फ्रंटल लोब के डिसफंक्शन को दिखा सकता है, जो अल्जाइमर के लक्षणों में शामिल है।
5. समय और स्थान को लेकर भ्रम
अगर आप अचानक भूल जाएं कि आप किस तारीख को हैं, या किसी जगह जाने के बाद सोचें कि आप वहां क्यों आए थे, तो यह महज थकावट नहीं, ब्रेन फॉग या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का हिस्सा हो सकता है। अल्जाइमर का एक बड़ा लक्षण होता है ऑरिएंटेशन लॉस, जिसमें व्यक्ति समय, स्थान और दिशा की समझ खोने लगता है। अगर आप 20 की उम्र में ही इस तरह की गड़बड़ियां महसूस कर रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
क्यों हो रही है युवाओं में अल्जाइमर की शुरुआत?
आज की तेज भागती जिंदगी में नींद की कमी, हाई स्क्रीन टाइम, डिप्रेशन, तनाव, जंक फूड, शारीरिक गतिविधियों की कमी और सोशल आइसोलेशन युवाओं के दिमाग पर गहरा असर डाल रहे हैं। इन सबका सीधा असर दिमाग की मेमोरी पर पड़ता है और धीरे-धीरे दिमाग की कोशिकाएं कमजोर होने लगती हैं। अगर समय रहते इन्हें नहीं रोका गया, तो यह न्यूरोडीजेनेरेटिव डिजीज के रूप में विकसित हो सकती है।
क्या करें अल्जाइमर के खतरे से बचने के लिए?
मेडिटेशन और योग को रूटीन में शामिल करें
हर रात कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें
प्रोसेस्ड और जंक फूड से दूरी बनाएं
ब्रेन एक्सरसाइज करें जैसे पजल्स, मेमोरी गेम्स, पढ़ना-लिखना
सोशल इंटरैक्शन बनाए रखें और खुद को अकेला न रखें
डॉक्टर से समय-समय पर चेकअप कराते रहें, खासकर अगर लक्षण दिखाई दें
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