जानिए सोनाली बेंद्रे को कौन सा कैंसर हुआ है? क्या है मेटास्टेसिस कैंसर?

निवेदिता भारती
सोनाली बेंद्रे ने सोशल मीडिया पर खुद के कैंसर से ग्रस्त होने का एलान किया। उन्होंने यह भी साझा किया किया वे मेटास्टेसिस कैंसर से जूझ रही हैं, जो स्टेज फोर पर पहुंच चुका है। फिलहाल वह न्यूयॉर्क में इसका इलाज करा रही हैं।  


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मेटास्टिसिस कैंसर क्या है? 
 
कैंसर इतनी भयानक बीमारी क्यों है? इसकी वजह इसका तेजी से शरीर के अन्य हिस्सों में फैलाव है। कैंसर के सेल्स शरीर में स्वस्थ टिश्यू पर हमला कर वहां भी फैल जाते हैं। कैंसर पास स्थित लिम्फ नोड्स, टिश्यू और ऑर्गंस में भी फैल जाते हैं। 
 
जिस प्रकार का कैंसर, शरीर में पहले स्थान (जहां पर बीमारी की शुरुआत हुई ) से दूर स्थित अंगों तक फैल जाता है, उसे मेटास्टिसिस कैंसर कहते हैं। कैंसर के इस तरह का रूप ले लेने के बाद इसे स्टेज फोर कैंसर माना जाता है। जिस प्रक्रिया के तहत कैंसर शरीर में फैलता है उसे मेटास्टेसिस कहते हैं।
 
उदाहरण से समझें
 
मेटास्टेसिस कैंसर का ही प्रकार है, इसकी खास बात यह है कि यह अधिक भयानक होकर सुदूर स्थित अंगों को भी चपेट में ले लेता है। उदाहरण के लिए ब्रेस्ट (स्तन) कैंसर किसी को हुआ लेकिन अगर बीमारी लंग्स (फेंफड़ों) तक पहुंच जाए तो यह मेटास्टेसिस कैंसर है। इसे ब्रेस्ट कैंसर की चौथी स्टेज (बेहद आगे की स्टेज) कहा जाएगा न कि लंग कैंसर। 

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कई बार डॉक्टरों के लिए बीमारी का शुरुआती अंग पता लगना नामुमकिन होता है। इसे कैंसर ऑफ अननोन प्राइमरी ओरिजिन और सीयूपी (बीमारी शुरू कहां से हुई) कहा जाता है। 
 
कैंसर फैलने के चरण 
 
कैंसर फैलने की कुछ स्टैप्स होती हैं। 
 
1. कैंसर पास मौजूद टिश्यू में फैलता है।
2. यह पास स्थित लिम्फ नोड्स या रक्त धमनियों की दीवारों के माध्यम से आगे बढ़ता है।
3. कैंसर लिम्फैटिक सिस्टम और रक्त धमनियों के अंदर से शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंचता है।
4. दूर स्थित छोटी रक्त धमनियों में रूककर, रक्त धमनियों की दीवारों पर हमलाकर पास के टिश्यू में चला जाता है।
5. इसके बाद छोटे ट्यूमर बनने लगते हैं।
6. इसके बाद नए रक्त धमनियां बनती हैं जो इस हिस्से में खून पहुंचाती हैं और ट्यूमर बढ़ने लगता है।
7. अधिकतर कैंसर फैलाने वाले सेल किसी बिंदु पर खत्म हो जाते हैं, लेकिन जब कैंसर के पक्ष में शरीर काम करता है  तो कुछ सेल्स नए ट्यूमर बनाने लगते हैं।
8. मेटास्टेटिक कैंसर सेल्स किसी दूर जगह पर कई साल तक निष्क्रिय पड़े रह सकते हैं और फिर से पनपना शुरू हो सकते हैं।
 
कैंसर किन अंगों में फैलता है?
कैंसर इंसानी शरीर के किसी भी हिस्से में फैल सकता है, हालांकि कैंसर के प्रकार के अनुसार अधिकतर ये किसी अंग विशेष को गिरफ्त में लेते हैं। हड्डियों, लिवर, और फेंफड़े ऐसे अंग हैं जहां सबसे अधिक कैंसर का खतरा है। इनके अलावा मेटास्टेटिक कैंसर होने का खतरा इन अंगों में सबसे अधिक है।
कैंसर का प्रकार मेटास्टेसिस की जगह
ब्लेडर (मूत्राशय) हड्डी, लिवर, फेंफड़े
ब्रेस्ट (स्तन) हड्डी, दिमाग, लिवर, फेंफड़े
कोलोन (मलाशय) लिवर, फेंफडे, आंतों की उपरी झिल्ली
किडनी गुर्दों से जुड़ी ग्रंथी, हड्डी, दिमाग, लिवर, फेंफड़े
फेंफड़े गुर्दों से जुड़ी ग्रंथी, हड्डी, दिमाग, लिवर, फेंफड़े 
मेलानोमा (स्किन पर गाढ़ा दाग जो कैंसर में तब्दील हो सकता है) हड्डी, दिमाग, लिवर, फेंफडे, त्वचा, मसल 
ओवरी (अंडाशय)  लिवर, फेंफडे, आंतों की उपरी झिल्ली 
पैंक्रियाज (अग्नाशय)  लिवर, फेंफडे, आंतों की उपरी झिल्ली
प्रोस्टेट (पुरूषों में पेशाब के रास्ते की ग्रंथी) लिवर, फेंफडे, आंतों की उपरी झिल्ली  
रेक्टल (मलाशय) लिवर, फेंफडे, आंतों की उपरी झिल्ली 
पेट  लिवर, फेंफडे, आंतों की उपरी झिल्ली
थॉयराइड हड्डी, लिवर, फेंफड़े
यूटेरस (गर्भाशय) लिवर, फेंफडे, आंतों की उपरी झिल्ली, वजाइना

मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण
मेटास्टेटिक कैंसर के हमेशा लक्षण सामने नहीं आते। जब लक्षण नजर आते भी हैं उनका प्रकार और पैटर्न मेटास्टेटिक ट्यूमर की साइज़ और जगह पर निर्भर करता है। फिर भी इन लक्षणों से मेटास्टेटिक कैंसर पर ध्यान दिया जा सकता है।
 
दर्द और फ्रेक्चर : जब कैंसर हड्डियों में फैला हो
सिरदर्द, चक्कर आना और मिर्गी : जब कैंसर दिमाग में फैला हो
सांस फूलना : जब कैंसर फेफड़ों में फैला हो
पीलिया या पेट में सूजन : जब कैंसर लिवर में फैला हो
मेटास्टेटिक कैंसर का इलाज
 
एक बार जब कैंसर फैलना शुरू होता है तो इस पर नियंत्रण मुश्किल है। फिलहाल मौजूद इलाज के प्रकारों से कुछ ही मेटास्टेटिक कैंसर नियंत्रित किए जा सकते हैं, वहीं अधिकतर अनियंत्रित होते हैं। बावजूद इसके मेटास्टेटिक कैंसर के हर मरीज के लिए इलाज है। इलाज का उद्देश्य कैंसर की बढ़त रोकना या धीमी करना है। इसके अलावा इससे होने वाली तकलीफ से भी निजात दिलाने के लिए इलाज किया जाता है।
 
कुछ केस में इलाज के बाद मरीज लंबी जिंदगी जी लेते हैं। इलाज का प्रकार शुरुआती कैंसर (जहां से कैंसर शुरू हुआ था) के प्रकार अनुसार किया जाता है। मरीज का पहले किस तरह का इलाज किया गया है और मरीज की फिलहाल हालत कैसी है इसके अनुसार भी इलाज किया जाता है।
 
जब मेटास्टेसिस कैंसर नियंत्रण से बाहर हो जाए
अगर ऐसी हालत हो जाती है तो मरीज और परिजनों से इलाज जारी रखने को लेकर सवाल पूछे जाते हैं। अगर वे इलाज के लिए हांमी भरते हैं तो आराम देने वाले इलाज जारी रखे जाते हैं। इसके अलावा कैंसर के इलाज के साइड इफेक्ट के लिए भी इलाज किया जाता है। 

 
  

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