वैज्ञानिकों ने एक ऐसा त्वरित एल्गोरिदम विकसित किया है, जो सुरक्षित एवं प्रभावी ढंग से यह बता सकता है कि क्या किसी मरीज को दिल का दौरा पड़ रहा है या नहीं? शोधकर्ताओं ने कहा कि सभी आपात विभागों में लगभग 10 प्रतिशत मामले दिल के दौरे या ‘एक्यूट मायोकार्डियल इनफैर्क्शन’ :एएमआई: से जुड़े होते हैं। शोधकर्ताओं में स्विट्जरलैंड स्थित यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल बेसल के शोधकर्ता भी शामिल थे।
इस सिस्टम की मदद से छाती में उठने वाले दर्द की वैकल्पिक वजहों की पहचान समय रहते की जा सकती है और इससे समय रहते उपचार करवाने में मदद मिल सकती है। छाती में दर्द के कुछ मामले ऐसे भी हो सकते हैं, जिनसे खतरा न हो। ऐसे मामलों में मरीजों को समझा कर घर भेजा जा सकता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि एल्गोरिदम सुरक्षित और प्रभावी है। इसने उन मरीजों की सटीकता से पहचान कर ली, जिन्हें कोरोनेरी एंजियोग्राफी की जरूरत थी। इसके साथ ही 99 प्रतिशत बार ऐसा था कि दर्द के साथ आने वाले लोगों को असल में दिल का दौरा नहीं पड़ा था।
स्विटजरलैंड के कार्डियोवेस्कुलर रिसर्च इंस्टीट्यूट बेसल में कार्यरत रफेल टेवरेनबोल्ड ने कहा, ‘‘इस बड़े विश्लेषण के जरिए हम नियमित चिकित्सा देखभाल के लिए एल्गोरिदम की उपयोगिता से जुड़ी चिंताओं की जांच कर पाए।’’ उन्होंने कहा कि यह सुरक्षित पाया गया।