सावधान! अधूरी नींद की वजह से खुद को ही खाने लगता है आपका दिमाग

WD Feature Desk

बुधवार, 4 जून 2025 (17:57 IST)
Sleep Disorder Warning Signs: क्या आपने कभी सोचा है कि जब आपकी नींद पूरी नहीं होती, तो आपके दिमाग में क्या होता है? जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसऑर्डर्स में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन ने इस बारे में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। यह अध्ययन बताता है कि अनियमित दैनिक दिनचर्या और अधूरी नींद न केवल आपके मूड पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, बल्कि तनाव की भावनाओं को भी बढ़ाती है। यह हमें इस बात की याद दिलाता है कि हमारा सामान्य दैनिक जीवन हमारी मानसिक स्वास्थ्य को कितनी गहराई से प्रभावित करता है।

नींद और मानसिक स्वास्थ्य का गहरा संबंध
तनाव हमारी दैनिक गतिविधियों पर काफी हद तक निर्भर करता है। जब हम अपनी दैनिक गतिविधियों को व्यवस्थित नहीं रखते हैं, तो इसका सीधा असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। अच्छी मानसिक सेहत के लिए एक स्वस्थ दैनिक दिनचर्या का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसमें सबसे ऊपर आती है पर्याप्त और अच्छी नींद।

नींद केवल आराम करने का एक तरीका नहीं है; यह हमारे दिमाग के लिए एक जटिल और महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यह हमारी भावनाओं को संभालने, यादों को मजबूत करने और दिमाग से जहरीले अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। जब हम गहरी नींद में होते हैं, तो हमारा दिमाग सक्रिय रूप से खुद को साफ करता है।

ग्लिम्फैटिक सिस्टम होता है डिस्टर्ब : अध्ययन के अनुसार, गहरी नींद के दौरान 'ग्लिम्फैटिक सिस्टम' (Glymphatic System) सबसे ज्यादा सक्रिय रहता है। यह सिस्टम मस्तिष्क से विषैले प्रोटीन, जैसे बीटा-अमाइलॉइड (Beta-amyloid) को बाहर निकालने का काम करता है। बीटा-अमाइलॉइड एक ऐसा प्रोटीन है जिसके जमाव को अल्जाइमर रोग से जोड़ा जाता है। जब हमें पर्याप्त नींद नहीं मिलती, तो यह ग्लिम्फैटिक सिस्टम ठीक से काम नहीं कर पाता, जिससे ये विषैले प्रोटीन दिमाग में जमा होने लगते हैं।
कल्पना कीजिए, आपका दिमाग एक फैक्ट्री की तरह है जो दिन भर काम करती है। रात में, इसे अपनी सफाई और मरम्मत करने की आवश्यकता होती है। यदि सफाईकर्मी काम नहीं करते हैं, तो कचरा जमा होता रहेगा और अंततः फैक्ट्री के काम को बाधित करेगा। ठीक उसी तरह, जब हमारा ग्लिम्फैटिक सिस्टम पर्याप्त नींद के अभाव में ठीक से काम नहीं कर पाता, तो विषैले पदार्थ जमा होते रहते हैं, जिससे दिमाग की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ता है।

अधूरी नींद के परिणाम: तनाव और मूड स्विंग्स
जब आपके दिमाग में ये विषैले पदार्थ जमा होते हैं, तो इसका सीधा असर आपके मूड पर पड़ता है। आप चिड़चिड़ापन, उदासी, और अत्यधिक तनाव महसूस कर सकते हैं। अनियमित नींद चक्र आपके सर्कैडियन रिदम (Circadian Rhythm) को भी बाधित करता है, जो आपके शरीर की आंतरिक घड़ी है। यह व्यवधान आपके ऊर्जा स्तर, एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है। लंबे समय तक अधूरी नींद अवसाद और चिंता जैसी गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।

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स्वस्थ नींद की आदतें: आपके मानसिक स्वास्थ्य की कुंजी
अपने मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए, आपको अपनी नींद को प्राथमिकता देनी होगी। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
• हर दिन एक ही समय पर सोने जाएं और जागें, सप्ताहांत में भी।
• अपने बेडरूम को सोने के लिए अनुकूल बनाएं – शांत, अंधेरा और ठंडा।
• सोने से कम से कम एक घंटा पहले स्मार्टफोन, टैबलेट और कंप्यूटर से दूर रहें।
• सोने से पहले कैफीन और शराब का सेवन कम करें।
• दिन में नियमित रूप से व्यायाम करें, लेकिन सोने के ठीक पहले नहीं।

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